दो स्थान से चुनाव लड़ने वालों से रिक्त सीट का खर्च वसूला जाए
समाजसेवियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजा पत्र

ऑपरेशन टाईम्स सतना।। लोकसभा-विधानसभा चुनाव के नियमों में संशोधन करने हेतु जिले के कई समाजसेवियों द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार को पत्र भेजकर ध्यान आकृष्ट किया है। निर्वाचन आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दो स्थान से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों से चुनाव का नामांकन पत्र दाखिल करते समय यह शपथ पत्र भी भरवाया जाना चाहिए कि दोनों स्थानों पर चुनाव जीतने के बाद वे जिस स्थान से सीट खाली करेंगे उसके उपनिर्वाचन हेतु जितना भी खर्च आएगा उसे वे वहन करेंगे। समाजसेवियों द्वारा निर्वाचन आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दो स्थान से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी से नामांकन के समय ही दूसरे रिक्त होने वाले स्थान का अनुमानित खर्च जमा करवाने पर निर्वाचन आयोग विचार करके संशोधन कर सकता है। इसी तरह से चुनाव के हारने के बाद ही कुछ व्यक्तियों को मंत्री पद सौंप दिया जाता है। ऐसे में उस व्यक्ति को 6 माह में चुनाव लड़कर जीत दर्ज करानी पड़ती है जिसके कारण उपचुनाव की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस पर देश हित में रोक लगाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। इसके अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति जो सांसद-विधायक पद पर आसीन है और सांसद से विधायक प्रत्याशी बनना चाहता है या विधायक से सांसद बनना चाहता है या बनाया जाता है तो उसे अपने मूल पद से त्याग पत्र देने के बाद ही प्रत्याशी बनना चाहिए। निर्वाचन आयोग को प्रेषित पत्र में ईवीएम मशीन के रखरखाव के व्यवस्था विद्यालयों में न की जाकर पृथक निर्वाचन भवन में किए जाने का सुझाव दिया गया है। कहा गया है कि इसके लिए अलग से भवन बनवाया जाए। समाजसेवियों ने जेल में बंद सजायाप्ता या विचाराधीन कैदी को वोट डालने का अधिकार दिए जाने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। इनका कहना है कि विचाराधीन कैदियों या दंडित कैदियों के लिए वैलेट पेपर से मतदान की सुविधा दिया जाना न्यायसंगत होगा। इसी तरह से प्रत्याशी के शपथ पत्र में गलत और झूठी घोषणा किए जाने पर दो वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान किया जाना न्याय संगत प्रतीत होता है। इसके लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय ही शपथ पत्र भी भरवाया जाना चाहिए। समाजसेवियों की इन मांगों का आमजन, राजनीतिज्ञों तथा मीडियाकर्मियों द्वारा व्यवहारिक बताया गया है।