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साइबर फ्रॉड जालसाजों के खातों से दुबई भेजे गए 2 करोड़ रुपए

सतना-जबलपुर से गिरफ्तार किए गए 12 आरोपी भेजे गए 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल

ऑपरेशन टाईम्स सतना।। स्टेट साइबर सेल जबलपुर के अलावा एसटीएफ की रीवा और जबलपुर की संयुक्त टीम के द्वारा सतना-जबलपुर में पकड़े गए साइबर फ्रॉड के आरोपियों के द्वारा ऑनलाइन ठगी का पैसा अलग-अलग खातों से दुबई भेजा जा रहा था। अब तक की जांच में पकड़े गए जालसाजों के द्वारा 2 करोड़ रुपए दुबई भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं। जांच टीम का मानना है कि विवेचना पूरी होने पर लेनदेन का आकंड़ा और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। साइबर फ्रॉड से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

इनके खिलाफ दर्ज है एफआईआर—
जानकारी के अनुसार जांच के उपरांत राज्य साइबर सेल पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर में 13 दिसम्बर को अपराध क्र. 353/24 धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 61 (2) बीएनएस एवं आईटी एक्ट की धारा 66 (सी) और 66 (डी) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया। इस मामले में राज्य साइबर सेल जबलपुर की टीम ने अर्सलान, अनुराग कश्यप, चंचल विश्वकर्मा, सगीर अख्तर, स्नेहिल गर्ग, अंकित कुशवाहा, रितिक श्रीवास, अमितेश कुंडे, मो. मसूद, सुमित सिवानी, अमित कुशवाहा, संदीप चतुर्वेदी, साजिद खान, शंशाक अग्रवाल, अमित निगम, अंजर हुसैन को आरोपी बनाया।

पूछताछ के बाद 2 को छोड़ा—
राज्य साइबर सेल जबलपुर की टीम ने एसटीएफ जबलपुर और रीवा की टीम के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए मंगलवार की सुबह सतना शहर के पंजाबी कॉलोनी, नजीराबाद, पतेरी व अन्य जगहों पर छापामारी की। छापामारी के दौरान सगीर अख्तर, अंजर हुसैन, आसिफ, संदीप चतुर्वेदी, शशांक गर्ग उर्फ ईशू, अंकित कुशवाहा, शनि कुशवाहा, सुमित सिवानी, स्नेहिल गर्ग उर्फ टिंकल के अलावा दो युवतियों को हिरासत में लिया। जिन्हें जबलपुर ले जाया गया। बताया गया कि पूछताछ के बाद साक्ष्य नहीं मिलने पर आसिफ और अरमान को छोड़ दिया गया। जालसाजों की गैंग के मुख्य आरोपी मूलतः नजीराबाद निवासी माजिद खान पिता जाहिद खान को टीम ने एक दिन पहले ही तेलगाना के हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ़्तार के दौरान आरोपियों के घरों से बैंक से जुड़े दस्तावेज, सीसीटीवी कैमरों के डीबीआर और मोबाइल फोन जब्त किए गए थे।

रस्सी से बांधकर ले जाया गया कोर्ट—
डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के दौरान राज्य साइबर सेल पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर इकाई के पास हथकड़ी की कमी पड़ गई। बुधवार को सतना और जबलपुर से गिरफ्तार किए गए 12 आरोपियो को न्यायालय में पेश करने के लिए सभी आरोपियों के हाथों को रस्सी से बांधा गया। रस्सी में बांधे गए आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जज देवराज सिंह की अदालत में पेश किए गए आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

डिजिटल अरेस्ट कर वसूलते थे पैसे—

राज्य साइबर सेल जबलपुर से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि सतना, जबलपुर और कटनी से छापेमारी कर जिन 12 आरोपियों को पकड़ा गया है वे डिजिटल अरेस्ट कर रकम वसूलने वाले गिरोह से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह के द्वारा फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर आम लोगों को डरा धमका कर लाखों रुपए ऐंठे जाते हैं। वसूली गई रकम को गिरफ्तार किए गए आरोपियों के द्वारा अपने से ऊपर ऑनलाइन ठगी गिरोह को ऑपरेट करने वाले सरगना के अलग-अलग व्यक्तियों के निर्देश पर दूसरे खातों में भेजी जाती थी। जिन लोगों को पकड़ा गया है वे डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी के पैसे को अपने और दूसरे लोगों के किराए से लिए गए बैंक खाते के जरिए अपना सरगना के निर्देश पर अरब कंट्री संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई में संचालित बैंक खातों में भेजे जाते थे।

एटीएस ने किया था साइबर सेल को केश ट्रांसफर—
कार्रवाई से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि सतना, मैहर, कटनी, जबलपुर जिलों में कुछ बैंक खातों में लाखों, करोड़ों रुपए के बैंक ट्रांजेक्शन किए जाने की शिकायतें सामने आईं। इन बैंक खातों से रुपयों का ट्रांजेक्शन अरब कंट्री अमीरात की राजधानी दुबई के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों में किए जाने के कनेक्शन मिले। भारत से दूसरे देशों में खासतौर से भारत विरोधी देशों में लाखों- करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन अलग-अलग खातों के जरिए किए जाने पर आतंकी गतिविधियों की संलिप्तता संदेह के मद्देनजर एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (आतंक निरोधक दस्ता) एटीएस ने जांच शुरू की। एटीएस के द्वारा जांच में पाया गया कि अलग-अलग जिलों से जो रुपए बैंक खातों से दुबई व अन्य जगहों पर ट्रांसफर किए जा रहे हैं वे रुपए डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के सदस्यों के द्वारा वसूली गई रकम है। मामले में आतंकी गतिविधियों की संलिप्तता न मिलने पर एटीएस के द्वारा जांच राज्य साइबर सेल को सौंप दिया गया। इस कार्रवाई में साइबर सेल के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया है, यही वजह रही कि आरोपियों की धरपकड़ में राज्य साइबर सेल की टीम के साथ साइबर सेल के अधिकारी भी शामिल हैं।

अर्सनाल समेत कई आरोपी भूमिगत—
राज्य साइबर सेल जबलपुर इकाई में पदस्थ संजय चंदेल ने बताया कि सतना, जबलपुर, कटनी, मैहर व अन्य जगहों पर छापेमारी कर कई आरोपियो को पकड़ा गया है। पूछताछ के बाद सतना और जबलपुर से पकड़े गए 12 आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया जहां से सभी आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिसियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। सतना के नजीराबाद निवासी अर्सनाल समेत कई आरोपी फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश में संभावित जगहों पर छापेमारी की जा रही है। अभी जांच जारी है। इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। अब तक की जांच में साक्ष्य मिले हैं कि डिजिटल अरेस्ट व ऑनलाइन फ्रॉड कर आरोपियों के द्वारा 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम वसूली गई है। जांच टीम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि फ्रॉड कई करोड़ रुपए का है। आरोपियों के द्वारा विदेश में बैठकर ऑनलाइन ठगी का गैंग आपरेट करने वाले सरगना और उसके गुर्गो के इशारे पर ठगी गई रकम को अलग-अलग बैंक खातों के जरिए दूसरी जगह ट्रांसफर करते थे। हर ट्रांजेक्शन में इन्हें कमीशन मिलता था।



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