न्यूनतम वेतन की बढ़ी हुई दरों के आदेश अंततः जारी
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा भुगतान का आदेश जारी किया गया

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। कानूनी रूप से प्रत्येक 5 वर्ष में किए जाने वाले न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण को १ वर्ष में करने के बाद पिछले 10 माह से प्रदेश सरकार व उद्योगपतियों मालिकों ने इसे कानूनी दांवपेंच में उलझा दिया था। इस मामले में गत 3 दिसंबर को मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने स्थगन समाप्त करने और 10 फरवरी को अंतिम सुनवाई के बाद 21 फरसी को उच्च न्यायालय आदेश जारी किया। जिसके बाद श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा भुगतान के आदेश जारी किए गये। ये जानकारी सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सोटू) के जिलाध्यक्ष अशोकधारी व महासचिव पीएस पडिय ने संयुक्त रूप से दी। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सीटू का प्रदेश नेतृत्व लंबे संघर्षरत था और अब जाकर जीत मिली है, यह जीत सभी कामगारों की है। उन्होंने विज्ञप्ति में बताया कि जारी आदेश में वर्तमान में बनाए गए तीन नए नियोजन के अलावा बाकी सभी अधिसूचित नियोजनों (68 नियोजनों) में 4 मार्च 2024 की अधिसूचना के पुनः प्रभावशील किए जाने का जिक्र है। आदेश में नियोजकों से देय न्यूनतम वेतन का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। सीटू के प्रदेश नेतृत्व ने कहा विज्ञप्ति में ये भी बताया गया है कि सीटू के एरियर भुगतान किए जाने के आदेश को लेकर ये मांग राज्य महासचिव प्रमोद प्रधान व राज्य अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी ने इसे सीटू के नेतृत्व में संघर्ष व प्रदेश के मजदूरों की एकजुटता को जीत बताते हुए प्रदेश के लाखों श्रमिकों, आउटसोर्सिंग तथा सरकारी विभागों व स्थानीय निकायों में कार्यरत लाखों कर्मियों को बधाई दी है। सीटू नेताओं ने कहा है कि प्रदेश सरकार अभी भी मालिकों के हित साध रही है। इसलिए इस आदेश में भी एरियर सहित भुगतान के स्पष्ट निर्देश नहीं है। ज्ञात हो कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक एक-एक श्रमिक का 16250 रुपये से 24340 रुपये तक का नुकसान हुआ है। इसे भी डकारने की कोशिश चल रही है। सीटू ने श्रमायुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि अप्रैल 2024 से ही नहीं बल्कि नवंबर 2019, जब से यह पुनरीक्षण देय था से आज तक के एरियर भुगतान किए जाने का आदेश निकाला जाए। साथ ही सीट ने मांग की है कि अक्टूबर 2024 से देय हो चुके नये न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया भी तत्काल प्रारंभ की जाए।