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चितरंगी एसडीएम को हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पड़ी भारी, वारंट हुआ जारी

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने अगली पेशी पर 7 मार्च को पेश होने का दिया निर्देश, मामला अपात्रों को मनरेगा की मजदूरी भुगतान से जुड़ा

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। चितरंगी एसडीएम को हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश की अवहेलना भारी पड़ गई। हाईकोर्ट में उपस्थित होने व कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करने के आदेश का पालन न होने पर जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने 1 मार्च को सुनवाई के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने अगली सुनवाई की तिथि 7 मार्च तय करते हुए एसडीएम को पेश होने का निर्देश दिया है। यह मामला हाईकोर्ट जबलपुर में दायर रिट याचिका 8453/2023 से संबंधित है। जिसमें चितरंगी के दिघवार पंचायत निवासी किसान करमनी सिंह ने सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा कर दूसरों के नाम मजदूरी की राशि का आहरण करने का आरोप लगाया है। इस मामले में एसडीएम को हाईकोर्ट से दो-दो बार पेश होने का आदेश जारी किया गया। मगर उसका पालन नहीं किया गया। इसके बाद एसडीएम के विरुद्ध वारंट जारी हुआ। जानकारी के अनुसार दिधवार गांव निवासी किसान करमनी सिंह ने पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा किए जा रहे अवैध कार्यों की शिकायत चितरंगी एसडीएम से की थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि मनरेगा के तहत उन अपात्र लोगों को भुगतान किया जा रहा है। जो पहले से ही विभिन्न शासकीय संस्थानों में काम कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की सूची भी उपलब्ध कराई थी।

अतिथि शिक्षकों के नाम से मजदूरी भुगतान—
सूची में शासकीय हायर सेकेंड्री लमसरई में अतिथि शिक्षक ग्रेड-1 संगम कुमार पांडेय व सूर्य कुमार पांडेय के साथ प्राथमिक विद्यालय दुआरी के अतिथि शिक्षक ग्रेड-3 मुकेश नाई का नाम था। अपात्र होने के बाद भी इनके नाम से मनरेगा की मजदूरी का भुगतान किया जा रहा था। हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य पैनल के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एसडीएम को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए जाएंगे। आरोप सिद्ध होने पर सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक पर कार्रवाई की जाएगी। तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेशित किया था कि वह एसडीएम को 7 दिन में विस्तृत अभ्यावेदन देगा। एसडीएम 15 दिन में शिकायत की जांच कर न्यायालय के साथ याचिकाकर्ता को सूचित करेंगे। शिकायत सही पाई जाती है तो 30 दिन के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। हालांकि इसके बाद भी हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का एसडीएम ने पालन नहीं किया।

अब 7 मार्च को पेश होने का दिया निर्देश—
हाईकोर्ट ने एसडीएम चितरंगी द्वारा आदेश के पालन के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने राज्य सरकार को निर्देशित किया था। अगली सुनवाई में उप महाधिवक्ता ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सात दिन का समय मांगा तो कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। इसलिए संबंधित अधिकारी को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश का निर्देश दिया। अगली सुनवाई में जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने माना कि पिछली सुनवाई में दिए आदेश का पालन नहीं किया गया है। जिसमें एसडीएम चितरंगी को पेश होने और कंप्लायेस रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया था। प्रत्यक्ष पेश होने के संबंध में लगातार दो आदेश की अनदेखी पर कोर्ट ने गत 1 मार्च को सख्त रुख अपनाते हुए एसडीएम के खिलाफ 500 रुपये का जमानती वारंट जारी करते हुए 7 मार्च की अगली सुनवाई में कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश दिया है।

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