
नई दिल्ली।। भारतीय खुफिया एजेंसियों के खुलासे के अनुसार, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक संभावित वायुसेना डील भारत के लिए चिंता का कारण बनी है। इस खुफिया लीक से दोनों देशों के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी का पता चलता है, जिसमें कई पहलू हैं जो भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। लीक से पता चला है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश एमयूएमटी-यूएमटी के संयुक्त विकास पर चर्चा कर रहे हैं। पाकिस्तान ने चीन की मदद से अपनी ड्रोन क्षमताओं को बढ़ाया है और अब वह अपनी ऑपरेशनल जानकारी बांग्लादेश को दे रहा है। दोनों देशों के बीच एक सामरिक एयर डेटा लिंक सिस्टम को एकीकृत करने के सहयोगात्मक प्रयास हो रहे हैं। यह बांग्लादेश वायुसेना की दूसरे देशों की सेनाओं के साथ मिलकर काम करने की क्षमता को बढ़ाएगा और उसकी स्ट्राइक कोऑर्डिनेशन क्षमता में वृद्धि करेगा, जो भारत की पूर्वी वायु कमान के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। भारत के दोनों छोर पर स्थित पड़ोसियों के बीच अंतरिक्ष सहयोग भी सामने आया है, जो शुरुआती चरण की टोही और उपग्रह-आधारित आईएसआर क्षमताओं की ओर इशारा करता है। इसमें चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) जैसी तीसरी पार्टी की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता है। दोनों वायु सेनाएं फ्लाइट एसआरएनएल आधारित एआर और बीआर सिस्टम की तलाश कर रही हैं, जिनका उद्देश्य रियल टाइम युद्ध वातावरण का अनुकरण करना है। ढाका और इस्लामाबाद के बीच संयुक्त ड्रोन-रोधी तकनीकों और साइबर सिक्योरिटी सिस्टम पर बातचीत की पुष्टि हुई है। माना जाता है कि पाकिस्तान ने ढाका को मैलवेयर-रोधी प्रोटोकॉल और आक्रामक साइबर ट्रेनिंग मॉड्यूल की पेशकश की है। लीक से एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश में पाकिस्तान के राजनीतिक हस्तक्षेप की साजिश रची जा रही है। इन बैठकों में बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को संभावित रूप से हटाने के बारे में फुसफुसाहट भरी चर्चाएं शामिल थीं। सूत्रों के अनुसार, ढाका स्थित पाकिस्तान के रक्षा अताशे शाखा, एएसआई से जुड़े सेवानिवृत्त गुर्गों के साथ मिलकर तख्तापलट की योजना बना रहे हैं, जिसमें शहाबुद्दीन की जगह किसी सैन्य-समर्थक व्यक्ति को लाना है। कुल मिलाकर, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यह बढ़ती सैन्य और संभवतः राजनीतिक साझेदारी भारत के लिए एक खतरे की घंटी है, जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।