एसडीओपी चितरंगी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का हाईकोर्ट ने दिया निर्देश
प्राथमिकी दर्ज किए बिना याचिकाकर्ता के घर से जबरन ट्रैक्टर ले जाने के मामले में दायर पिटीशन पर एसपी को किया निर्देशित

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। बिना प्राथमिकी दर्ज किए ट्रैक्टर जब्त करने के मामले में दायर याचिका पर गत 1 मार्च को सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को चितरंगी एसडीओपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ चार माह के अंदर की गई कार्रवाई के संबंध में एसपी को कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। अगली सुनवाई की तिथि 3 जुलाई तय की है। पूर्व में गत 24 फरवरी को हुई सुनवाई में उन्होंने एसपी से हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कहा था। दरअसल चितरंगी के बोदाखूंटा निवासी परमेश्वर जायसवाल की ओर से रिट याचिका सं. 5834/2025 दायर करने वाले अधिवक्ता अशोक कुमार शाह ने तर्क दिया कि उनके याचिकाकर्ता के ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 64 एके 9871 को चितरंगी एसडीओपी ने बिना एफआईआर दर्ज किए ही जब्त कर लिया। इसे उन्होंने गुंडागर्दी करार दिया क्योंकि किसी भी कानूनी कार्रवाई के बिना पुलिस अधिकारी द्वारा इस प्रकार की जब्ती अवैध मानी जाएगी। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी का पक्ष था कि किसी निजी व्यक्ति के कहने पर पुलिस ने ट्रैक्टर जब्त किया। इस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल ने माना कि पुलिस अपने कर्तव्यों की सीमा लांघ रही है। वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के बजाय चल अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में मध्यस्थ की भूमिका निभा रही है।
एसडीओपी पर पेनाल्टी संग एसपी से मांगा था हलफनामा—
गत 24 फरवरी को हुई सुनवाई में जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने एसडीओपी चितरंगी पर पेनाल्टी लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वे तीन दिन के भीतर व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करें। जिसमें ये स्पष्ट करें कि पुलिस अधिकारियों को इस प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार किस कानून या पुलिस विनियम से प्राप्त होता है। एसडीओपी चितरंगी की कार्रवाई अवैध पाई जाती है तो एसपी को ये बताना होगा कि संबंधित अधिकारी के विरुद्ध क्या बड़ी सजा प्रस्तावित की जा रही है। उन्होंने अगली सुनवाई तिथि 1 मार्च तय की थी।
तीन जुलाई को एसपी दें कार्रवाई की कंप्लायंस रिपोर्ट—
गत 1 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट को यह बताया गया कि पुलिस अधीक्षक ने अपने हलफनामे में कहा है कि एसडीओपी चितरंगी ने गलत किया है। उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए एडीजी भोपाल को पत्र लिखा गया है क्योंकि उन्हें कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इसके बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने चार माह का समय देते हुए इस निर्णय के साथ याचिका का निपटारा किया कि एसडीओपी पर की गई कार्रवाई के संबंध में पुलिस अधीक्षक सिंगरौली 3 जुलाई को कोर्ट में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करेंगे।