
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार कर कई खाताधारकों के खाते से राशि निकालकर चपत लगाने के चर्चित मामले में अपर सत्र न्यायाधीश देवसर के न्यायालय ने 2 अभियुक्तों को 10-10 वर्ष कठोर कारावास की सजा का फैसला सला सुनाया है। न्यायालय ने अन्य आपराधिक धारा अंतर्गत भी दोनों अभियुक्तों को कठोर सजा सहित अर्थदंड अधिरोपित किया है। अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार सोनकर के न्यायालय ने विभिन्न साक्ष्य व कथन के आधार पर दोषी अभियुक्तों सनत कुमार जायसवाल निवासी ग्राम इटमा थाना सरई एवं राजेश केवट निवासी वार्ड-4 अंबेडकर नगर थाना मोरवा को भादंवि की धारा 467/34 के तहत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास सहित प्रत्येक पर 2 हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित किये जाने का दंडादेश पारित किया है। न्यायालय ने इसी तरह दोनों अभियुक्तों को भादंवि की धारा 420, 468 के अंतर्गत भी 4-4 साल कठोर कारावास सहित प्रत्येक पर 1 हजार रुपये अर्थदंड लगाने की सजा मुकर्रर की है। न्यायालय में अभियुक्तों को भादंवि की धारा-471 के अधीन भी 1-1 वर्ष सश्रम कारावास सहित प्रत्येक पर 1-1 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।
न्यायालय ने गंभीर मामले में तत्परता से सुनवाई पूरी की—
न्यायालय ने इस चर्चित प्रकरण में तत्परता से सुनवाई ट्रेक एंड टाइमिंग आधार पर की एवं पीड़ित पक्ष को शीघ्र न्याय देने की मंशा को भी साकार किया है। अभियोजन के अनुसार आधुनिक तकनीक के जरिये ग्रामीणों के फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाने के बाद फर्जीवाड़ा कर कई लोगों के खाते से कुल 54 हजार रुपये की निकासी कर उन की गाढ़ी कमाई में चपत लगाई। जिसे न्यायालय ने गंभीर अपराध माना और अभियुक्तों कठोर कारावास सहित अर्थदंड भी लगाया है। न्यायालय के इस निर्णय से एक बात तो साफ है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो उनकी खैर नहीं है। न्यायालय में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजन अधिकारी मार्कंडेयमणि त्रिपाठी ने तार्किक ढंग से पक्ष रखा। उन्होंने न्यायालय से आरोपियों को कठोर सजा दिये जाने की मांग की थी।
फरियादी ने की थी पुलिस में शिकायत— अभियोजन के अनुसार फरियादी मदन जायसवाल ने सरई थाना पहुंचकर इस आशय की शिकायत की थी कि 24 जनवरी 2023 को उसके यूबीआई सरई के खाते से 10 हजार रुपये किसी ने निकाल लिए हैं। सरई के ही हरिहर प्रसाद गुप्ता के खाते से 4 हजार, निरंजन लाल गौतम के मध्यांचल बैंक सरई के खाते से अलग-अलग दिनांक को 40 हजार रुपये अज्ञात व्यक्ति द्वारा निकाल लिया गया है। सरई पुलिस ने इन फरियादियों की शिकायत पर अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की। सरई थाना के टीआई सह मामले में पुलिस विवेचक नेहरू सिंह खंडाते ने विवेचना के दौरान आरोपियों द्वारा फरियादियों के फिंगरप्रिंट क्लोन तैयार कर खाते से राशि निकालने का भंडाफोड़ किया था।
कड़ी-कड़ी जोड़कर आरोपियों तक पहुंची पुलिस—
अभियोजन के अनुसार फरियादियों की शिकायत पर जांच के दौरान पुलिस को आधार कार्ड से लोगों के रुपये निकासी के सुविधा केन्द्र सरई स्थित सनत जायसवाल के होने की जानकारी मिली थी। पुलिस को उस पर संदेह हुआ। उसके मोबाइल में लोगों के फिंगरप्रिंट पाये जाने पर संदेह और पक्का हो गया। पुलिस ने आरोपी सनत जायसवाल के मोबाइल को जब्त कर सख्ती से पूछताछ की। उसके मेमोरंडम कथन भी दर्ज किये गये। जिसमें उसने उल्लेख किया कि ग्राहकों के फिंगर के निशान का पीडीएफ बनाकर आरोपी राजेश केवट को भेजता था। राजेश फिंगर क्लोन तैयार कर उसे देता था। बदले में उसे उचित रकम भी दी जाती थी।
समझौते का भी किया प्रयास—
मामले में कड़ी-दर-कड़ी जोडने के बाद पुलिस सनत कुमार जायसवाल पिता छोटेलाल निवासी इटमा सरई, राजेश केवट पिता राधे श्याम निवासी वार्ड-4 अंबेडकर नगर थाना मोरवा के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, 471/34 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया और मय चालान न्यायालय के समक्ष पेश किया था। अभियोजक ने बताया कि न्यायालय में पेशी के दरमियान ही आरोपी व फरियादी के बीच तोलमेल व समझौते के प्रयास में राशि की देनदारी पर भी सहमति न्यायालय के बाहर बनी थी। उनकी चालाकी काम नही आई और फरियादियों के कथन व अहम साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इस गंभीर अपराध में दोषी करार दिया।।