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बिहार में बाढ़ का कहर, 17 लाख लोग प्रभावित, उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा रोकी

मध्यप्रदेश-यूपी समेत 16 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी

नई दिल्ली।। बिहार के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 17 लाख से ज्यादा की आबादी इससे प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में भागलपुर है। यहां की 75 पंचायतों के 4.16 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। वहीं यूपी के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। लखनऊ में तेज बारिश हुई। जिससे विधानसभा परिसर में पानी भर गया। सीएम आवास के पास सड़क पर 2 फीट तक पानी भर गया। उत्तराखंड के देहरादून में भी तेज बारिश हुई। यहां का एक एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पानी के तेज बहाव में कई गायें बहती नजर आईं। मंगलवार को जिले में कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए। वहीं, मालदेवता क्षेत्र में नदी ने आसपास बने मकानों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में 12 से 14 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसी वजह से केदारनाथ धाम यात्रा 3 दिन के लिए रोक दी गई है। उत्तराखंड मंगलवार सुबह से ही दिल्ली में तेज बारिश हो रही हैं। जिससे कई जगहों पर पानी भर गया है। मौसम खराब होने के कारण 300 से ज्यादा फ्लाइट देरी से उड़ीं। मौसम विभाग ने मंगलवार को असम समेत 6 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, हिमाचल-बिहार समेत तीन जिलों में ऑरेंज अलर्ट और मध्यप्रदेश यूपी समेत 16 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बिहार में सामान्य से कम बारिश होने के बावजूद बिहार में बाढ़ ने तबाही मचाई है। छपरा, खगड़िया, बेगूसराय और पटना के दियारा इलाकों समेत कुछ जिलों में बाढ़ ने कहर बरपाया है। बाढ़ पीड़ित या तो घर की छतों पर शरण लिए हुए हैं या फिर सड़क पर आ चुके हैं। पटना में सड़क पर तंबू टेंट लगा कर मवेशियों के रहने और चारे की व्यवस्था की गई है। ये सभी मवेशी और पशुपालक दियारा इलाकों के हैं जो गंगा के रौद्र रूप के चलते मरीन ड्राइव के पास आ गए हैं। खगड़िया में एक ओर जहां गंगा नदी खतरे के निशान से 1.68 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं बूढी गंडक नदी भी 1.15 मीटर खतरे के निशान से उपर हैं। जिसके कारण कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। खगड़िया के 4 प्रखंडों की 17 पंचायतें बाढ से प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा परेशानी परबत्ता और सदर प्रखंड में है। दुर्गापुर प्रखंड के दुर्गापुर गांव में 200 से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिरा है। कई लोग तो छतों पर शरण लिए हुए हैं। छतों पर ही चूल्हा जला कर खाना बनाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पहले से ही बाढ़ के पानी से परेशान हैं। ऊपर से बारिश के कारण छत पर भी रहना मुश्किल है। जो भी सूखी लकड़ियां हैं। वह गीली हो गई हैं। ऐसे में खाना बनाने में भी दिक्कत हो रही है। खगड़िया के डीएम ने बताया कि प्रभावित इलाकों में सौ से ज्यादा नाव चलाई गई हैं। जरुरत के मुताबिक कम्युनिटी किचन भी शुरू किया गया है। बेगूसराय में गंगा में आई बाढ़ से आठ प्रखंड में ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा परेशानी भोजन की। भोजन की परेशानी को देखते हुए प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। प्रशासन की ओर 83 जगह पर सामुदायिक किचन के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है।।

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