मध्य प्रदेश

मंडला में ट्रेनी IAS अफसर पर कांग्रेस विधायक के घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप, फिर मांगी माफी

ऑपरेशन टाईम्स मंडला।। मंडला के घुघरी थाना क्षेत्र के खम्तरा गांव में एक ट्रेनी आईएएस अफसर पर कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा के घर में घुसकर उनके परिवार के सदस्यों से मारपीट करने का गंभीर आरोप लगा है। घटना के बाद अफसर को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी लेकिन विधायक पट्टा और उनके परिवार के सदस्य अब भी अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घटना शनिवार को घुघरी थाना क्षेत्र के खम्तरा गांव में हुई। कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने आरोप लगाया कि एसडीएम अकिप खान बिना किसी अनुमति के उनके घर में घुस गए और वहां उनके भाई के जेसीबी ड्राइवर के साथ मारपीट करने लगे। विधायक के मुताबिक घटना के दौरान उनके वृद्ध मां और बहू को भी धक्का दिया गया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।

विधायक की प्रतिक्रिया—
विधायक नारायण सिंह पट्टा ने मीडिया को बताया कि गांव में एक लड़का गोशाला की भराई के लिए मिट्टी की खुदाई कर रहा था। जिसे देखकर एसडीएम अकिप खान वहां पहुंचे। लड़का डरकर भागा और हमारे पुराने घर में घुस गया। एसडीएम ने भी उसे दौड़ते हुए घर में घुसकर मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान मेरी वृद्ध मां और बहू को भी धक्का लगा। एक जिम्मेदार अधिकारी को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। यदि किसी पर कोई अपराध था तो उसे कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए न कि मारपीट करने का अधिकार किसी अधिकारी को दिया जा सकता है।

अफसर ने माफी मांगी—
घटना के बाद गांव के लोग भड़क गए और उन्होंने एसडीएम अकिप खान का विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद एसडीएम ने सबके सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी और इस घटना को लेकर खेद व्यक्त किया। हालांकि माफी मांगने के बावजूद विधायक और उनके परिवार के सदस्य इस घटना के लिए अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस का बयान—
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विधायक और उनके परिवार के बयान के आधार पर मामले की जांच की जाएगी और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही यह भी कहा गया कि किसी भी अधिकारी को इस तरह की आपराधिक गतिविधियों के लिए कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा।

स्थानीय लोगों का विरोध—
घटना के बाद गांव के लोग काफी आक्रोशित हो गए और उन्होंने ट्रेनी आईएएस अफसर का विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि अधिकारी का इस तरह का व्यवहार बिल्कुल अस्वीकार्य है और एक जिम्मेदार अधिकारी से इस तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती।

पूरा मामला विस्तार से समझे—
यह घटना उस समय घटी जब कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा के भाई राजा पट्टा का ड्राइवर अजीत धुर्वे अपनी जेसीबी मशीन से खेत में काम कर रहा था। उस समय एसडीएम अकिप खान अपनी सायरन वाली कार से गांव से गुजर रहे थे। जब उन्होंने देखा कि जेसीबी का ड्राइवर अजीत धुर्वे कार को देखकर भागने लगा तो उन्होंने अपनी कार रोकी और पीछा करते हुए उसका पीछा किया। अजीत धुर्वे भागकर विधायक पट्टा के पुराने घर में घुस गया लेकिन एसडीएम अकिप खान भी उसके पीछे घर में घुस गए। यहां पर आरोप है कि उन्होंने ड्राइवर के साथ मारपीट की और बीच-बचाव करने आई विधायक की वृद्ध मां तीतो बाई को भी धक्का दे दिया। इसके अलावा उन्होंने विधायक के भाई राजा पट्टा की कॉलर भी पकड़ ली।

अफसर की माफी—
मारपीट की घटना के बाद जब यह खबर फैल गई तो बड़ी संख्या में गांव वाले मौके पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों का आक्रोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने एसडीएम अकिप खान और उनके स्टाफ को घेर लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए घुघरी थाने की टीआई पूजा बघेल को मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचना पड़ा। घटनास्थल पर भारी तनाव के बाद एसडीएम अकिप खान को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह सब एक गलतफहमी के कारण हुआ था और उन्होंने अपनी कार्रवाई को लेकर खेद जताया।

ड्राइवर ने दर्ज की शिकायत—
इस बीच पीड़ित जेसीबी ड्राइवर अजीत धुर्वे ने घुघरी थाने में एसडीएम अकिप खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में उन्होंने गाली-गलौज, मारपीट और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है और मामले की जांच की मांग की है।

प्रशासन का बयान—
अपर कलेक्टर अरविंद सिंह ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि एसडीएम अकिप खान अवैध उत्खनन की जांच के लिए गांव पहुंचे थे और उन्होंने जेसीबी को रोका था। लेकिन जेसीबी ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी और तेजी से भागते हुए एक घर के सामने खड़ी कर दी। इसके बाद कुछ विवाद हुआ और गांववालों ने अफसर की गाड़ी घेर ली। हालांकि बाद में गांववालों ने गाड़ी छोड़ दी और एसडीएम सुरक्षित जिला मुख्यालय वापस लौट आए। यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करती है बल्कि अधिकारी के अधिकारों और सीमाओं पर भी विचार करने की आवश्यकता है। अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि उनके पास कानून को लागू करने का अधिकार है लेकिन किसी भी नागरिक के साथ इस तरह की अत्याचारपूर्ण कार्रवाई नहीं की जा सकती। अब यह देखना बाकी है कि मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या एसडीएम अकिप खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।

कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया—
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और कहा कि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पार्टी के कई नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इस तरह की दखलअंदाजी और मारपीट का कोई स्थान नहीं है।

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