
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। मध्यप्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव जब सत्ता में आए थे तो बड़े ही भौकाली अंदाज में बोलते दिखे थे कि गुंडे माफियाओं और अवैध कारोबारियों के लिए अब एमपी में कोई जगह नहीं है। या तो ये एमपी छोड़ दें या फिर हिसाब से रहे। चूंकि एमपी में अब कानून का राज चलेगा। जिसकी निशानी बुलडोजर होगी। जो सब कुछ रौंदकर नेस्तानाबूद कर देता है। परन्तु हालात कुछ ठीक इसके विपरीत दिखाई दे रहे हैं। जी हां, बता दें कि जहां एक तरफ सरकार कानून की दुहाई देती है तो वहीं दूसरी तरफ अवैध कारोबारी ठेंगा दिखाने पर आमादा है। बताते चलें कि ऊर्जाधानी में कोयला,कबाड़, डीजल व रेत का अवैध कारोबार सबसे ज्यादा चलन में है। जो किसी से छुपा नहीं है बल्कि जगजाहिर है। अवैध रेत के परिवहन में लिप्त वाहन जब रात को चलते हैं तो मजाल क्या कि कोई भी इनके सामने आने की हिमाकत कर दे। जो हिम्मत किया भी है वो अल्लाह को प्यारा भी हुआ। ब्यौहारी और शहडोल में बीते दिनों एक पटवारी और पुलिसकर्मी को इन्हीं वाहनों ने रौंदकर मौत के घाट उतार दिया था। जो यह बताने के लिए काफी है कि इनके आगे किसी की नहीं चलती। परन्तु इनके सहयोगी कोई और नहीं बल्कि कोई न कोई प्रशासनिक कर्मचारी ही रहता है।
हम तो वहीं करेंगे जो करते आ रहे : जियावन पुलिस —
इन दिनों जियावन थाना पुलिस सुर्खियों में छाई हुई है। रात 10 बजते ही चोरी के कोयला वाहनों व अवैध रेत परिवहन में लगे वाहनों को सुरक्षित पार करवाने की जिम्मेदारी जियावन पुलिस ने जो ले रखी है। जिसकी बानगी देखने के लिए कोई भी रतजगा कर देवसर बाजार में देख सकता है। गौरतलब हो कि इन अवैध कारोबारियों को कौन लगाम लगाएगा ? जिले के आलाकमान जो बैठे हैं। उन्हें कब यह दिखाई देगा। देगा भी या नहीं। बहरहाल जियावन पुलिस की चर्चा जिले में सुर्खियां बटोर रही हैं।।