
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के तहत मांगी गई जानकारियों को उपलब्ध कराने में खनिज शाखा के लोक सूचना अधिकारी के पसीने छूट रहे हैं। गौरतलब हो कि एडवोकेट अजय तिवारी जिला एवं सत्र न्यायालय देवसर के द्वारा खनिज विभाग से कुछ जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई थी। जिसकी जानकारी उपलब्ध कराने के जवाब में खनिज शाखा ने लिखित जवाब दिया है कि आपके द्वारा जानकारी एकत्रीत कर चाही गई है। इस प्रकार की जानकारी प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। साथ ही माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 6454/2011 में पारित आदेशानुसार यदि किसी लोक प्राधिकरण के पास कोई सूचना डाटा अथवा विश्लेषित डाटा अथवा सार अथवा ऑकड़ों के रूप में हो तो कोई आवेदक ऐसी सूचना तक अधिनियम की धारा 8 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए पहुँच बना सकता है किन्तु जहाँ सूचना किसी लोक प्राधिकरण के अभिलेख का कोई भाग नहीं है और जहाँ ऐसी सूचना लोक प्राधिकरण के किसी कानून अथवा नियमों अथवा विनियमों के अन्तर्गत बनाए रखा जाना अपेक्षित नहीं है। अधिनियम लोक प्राधिकरण पर ऐसी अनुपलब्ध सूचना को एकत्र करनें अथवा मिलाने और तत्पश्चात किसी आवेदक को प्रस्तुत करने के लिये बाध्य नहीं कर सकता है। जिसका हवाला देते हुए जानकारी देने से इनकार करते हुए आवेदन को खारिज कर दिया गया। जिसके बाद तरह तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं आवेदक श्री तिवारी ने उच्चतम न्यायालय में आवेदन करने की तैयारी में जुट हुए है।।