रीति पाठक ने अपनी ही सरकार को घेरा, भावुक होकर बोलीं- हम बेचारे बने बैठे

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। मध्यप्रदेश विधानसभा में सोमवार को सीधी से विधायक रीति पाठक ने अपने क्षेत्र का मुद्दा उठाया। इस दौरान वह भावुक हो गईं। सीधी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक रीति पाठक भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि सीधी मेडिकल कॉलेज अब तक नहीं बन पाया। जब भी अधिकारियों से पूछो तो कहते हैं कि निरंतर प्रक्रिया चल रही है। जब उनसे पूछा गया कि पीपीपी मोड पर काम चल रहा है तो उनका कहना है कि अभी पीपीपी मोड पर कोई बिड नहीं मिली है। रीति पाठक ने कहा कि सीधी जिला ही नहीं है इस स्तर का। यदि कुछ अच्छा काम करेंगे। तो लोग पहले ही बिगाड़ने का काम शुरु कर देते हैं। सीधी आदिवासी जिला है। अब तक यहां ट्रेन नहीं पहुंच पाई। जबकि बगल वाले जिले में प्लेन सेवा शुरु हो गई और हम बेचारे बने बैठे हैं।
रीवा की तरह पूरे प्रदेश की करें चिंता—
रीति पाठक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने जिस तरह रीवा की चिंता की है। वहीं चिंता आपको पूरे प्रदेश के लिए करना चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सरकार खुद सीधी को अपने संरक्षण में लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाए। इस पर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मैं आपकी संवदेनशीलता को समझता हूं। फिर भी जो काम हैं। उसे पूरा किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री के साथ हम लोग बैठकर चर्चा कर लेंगे।
सीधी में स्वास्थ्य सेवाएं ठप—
सीधी विधायक ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। आए दिन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सीधी हाइलाइट होता है। सीधी जिला अस्पताल में विशेषज्ञों के 36 पद स्वीकृत हैं। लेकिन केवल 12 ही काम कर रहे हैं। जबकि 24 पद रिक्त हैं। ऐसे में अस्पताल कैसे चलेगा। वही स्वास्थ्य अधिकारियों के 21 पद हैं। इसमें 17 संविदा और रेगुलर हैं। जबकि बाकी खाली है। पाठक ने कहा कि यदि सरकार सीधी जिले में डॉक्टरों की पदस्थापना भी करती है। तो वो 1 से 2 दिनों में दूसरे जिले में ट्रांसफर करा लेते हैं। विधायक ने कहा कि सीधी पिछड़ा जिला है। सरकार को प्रावधान करना चाहिए कि एक बार पदस्थापना के बाद 3 साल तक कोई ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
सीधी में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कालेज खोलने का विरोध—
मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि सीधी में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। लेकिन पहली बार कोई बिड नहीं आई। अब 30 मार्च के बाद एक बार फिर टेंडर जारी किए जाएंगे। इस पर रीति पाठक ने कहा कि पीपीपी मोड सीधी जैसे जिलों के लिए नहीं है। यहां कोई निवेश नहीं करने वाला है। वहीं कांग्रेस विधायक अजय सिंह बोले की सीधी एक आदिवासी जिला है। जबकि पड़ेास वाले जिले में सभी सुविधाएं हैं। अजय सिंह ने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार 200-400 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अभी किसी को देंगे तो इससे सरकार का ही नुकसान है।
विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित—
बता दें कि सोमवार को कार्यवाही के बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि आज 16वीं विधानसभा के पांचवें सत्र का समापन हुआ है। जितने दिनों के लिए विधानसभा निर्धारित की गई थी। उसमें पूरे दिनों तक बिना किसी के प्रतिरोध के विधानसभा लगातार चली है। बल्कि रात में 10.00 बजे तक बैठकर विधानसभा में पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी कार्यवाही में भाग लिया। राकेश सिंह ने कहा कि विधानसभा कार्यवाही कितने सौहाद्र पूर्ण रूप में संपन्न हुई। इसके लिए पक्ष और विपक्ष दोनों की भूमिका रही है लेकिन मैं ऐसा मानता हूं कि मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, उनकी अपनी गंभीरता, अनुभव और उनकी बातों के प्रति दोनों ही पक्षों में स्वीकार्यता है। यह अपने आप में बड़ा कारण रहा है।।