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पाकिस्तान को बेनकाब करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मिले पीएम मोदी

नई दिल्ली।। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम आवास पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख से अवगत कराने के लिए विश्व की राजधानियों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ विभिन्न देशों में हुई अपनी बैठकों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। सभी दलों के सांसदों, पूर्व सांसदों और प्रतिष्ठित राजनयिकों से मिलकर बने इन प्रतिनिधिमंडलों ने अपने दौरों के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और विश्व शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को उजागर किया। केंद्र सरकार पहले ही 50 से अधिक व्यक्तियों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों के कार्य की प्रशंसा कर चुकी है। जिनमें अधिकतर वर्तमान सांसद हैं। पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे। जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया।विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को व्यक्त करने में उनके प्रयासों की सराहना कर चुके हैं। चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया। जिनमें भाजपा के दो, जद(यू) के एक और शिवसेना के एक सांसद शामिल थे जबकि तीन का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया जिनमें कांग्रेस, द्रमुक और राकांपा (एसपी) के एक-एक सांसद शामिल थे। भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जद (यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, द्रमुक की कनिमोई और राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जिनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग विदेशों में भारत के हितों को पैरवी करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ थे। प्रतिनिधिमंडलों में प्रमुख पूर्व सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद शामिल थे।


पाकिस्तान को औकात दिखाकर विश्व पटल पर छाए ओवैसी, पीएम के न्यौते में नहीं हुए शामिल—

एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी पूरी दुनिया में छाए हुए है। उन्होंने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी। दुनिया को बता दिया कि भारत का मुसलमान अपने वतन के लिए मिटना भी जानता है और दुश्मन देश को मिटाना भी। दुनिया के कई देशों में जब ओवैसी के अंदाज की चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गदगद हो गए। इसी खुशी में उन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल को भोज पर आमंत्रित किया। इस मौके पर जब ओवैसी दिखाई नहीं दिए तो कानाफूसी शुरु हो गई। सभी के जुबान पर एक ही सवाल था ओवैसी साहब दिखाई नहीं दे रहे। मीडिया से लेकर सियासी गलियों तक में चर्चा गर्मा गई।पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के डेलिगेशन से मंगलवार शाम को मुलाकात की। इस मुलाकात में ऑपरेशन सिंदूर वाले डेलिगेशन के सभी प्रमुख चेहरे मौजूद थे। मसलन शशि थरूर, सुप्रिया सुले और कनिमोझी। मगर इस मुलाकात में वह शख्स नहीं दिखा। जिसकी हुंकार से पाकिस्तान को सबसे अधिक मिची लगी। जी हां, हम बात कर रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी की। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी के आधिकारिक निवास पर हुई सर्वदलीय बैठक से गायब थे। इस बैठक में अलग-अलग राजनीतिक दलों के वे सभी नेता शामिल हुए थे, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में विदेश दौरे से लौटे थे। अब सवाल है कि आखिर ओवैसी ऑपरेशन सिंदूर के डेलिगेशन के लिए आयोजित पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं गए? इसका कारण खुद ओवैसी ने बता दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि आखिर किस कारण से उन्हें बैठक से दूर रहना पड़ा। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा। उन्होंने अपनी स्थिति के बारे में अपने ऑपरेशन सिंदूर वाले डेलिगेशन के नेता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा को पहले ही सूचित कर दिया था। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न देशों का दौरा कर वापस लैटे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। इस मुलाकात में सांसदों, पूर्व सांसदों और प्रतिष्ठित राजनयिकों ने भाग लिया, जिन्होंने हाल ही में कई देशों का दौरा कर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ये मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई। इन 7 प्रतिनिधिमंडलों में सभी दलों के सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल थे। इन सभी ने अपने-अपने दौरे के अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों में भारत के दृष्टिकोण और मूल्यों को मजबूती से प्रस्तुत किया। प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने अपने विदेशी दौरों में आतंकवाद के खिलाफ भारत के कठोर रुख और वैश्विक शांति के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता को प्रमुखता से उजागर किया। उन्होंने यह भी बताया कि इन मुलाकातों के दौरान भारत की साख और विश्व में उसका प्रभाव और मजबूत हुआ। बता दें कि अलग-अलग दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों के कुल 7 समूह ने अलग-अलग देशों का दौरा कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की जरो टॉलरेंस की नीति को सामने रखा। भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने प्रतिनिधिमंडल को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया था। ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 26 पर्यटकों पर हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया थी। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 33 से अधिक देशों का दौरा किया। इन दलों ने 33 देशों की राजधानियों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा किया।

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