जस्टिस वर्मा का दावा- स्टोररूम मेरे घर का हिस्सा नहीं, न ही वहां मिली नकदी मेरी

नई दिल्ली/ एजेंसी।। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। अब जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार किया है और दावा न किया है कि स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य के द्वारा कोई नकदी नहीं रखी गई। जस्टिस वर्मा ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश ने नकदी मिलने के मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से उनके ऊपर लगे आरोपों पर जवाब मांगा था। जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजे पत्र में जस्टिस वर्मा ने लिखा कि % मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य को स्टोर रूम में मिली नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही मेरे या मेरे परिवार को ये नकदी दिखाई गई। जस्टिस वर्मा ने घटना को याद करते हुए बताया कि %14-15 मार्च की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी। यह स्टोर रूम उनके स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित है। स्टोर रूम को आम तौर पर इस्तेमाल न होने वाले फर्नीचर, बोतल, क्रॉकरी, इस्तेमाल किए हुए कारपेट आदि रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उस स्टोर रूम में सीपीडब्लूडी का सामान भी रखा रहता है।।