सिंगरौली

2024 में सिंगरौली-सोनभद्र की धरती को 14 बार भूकंप ने कंपकंपाया

चिंतित करने वाले ये जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की आधिकारिक वेबसाइट से आयी है सामने

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्ष से भूकंप के झटके आये दिन महसूस किये जाते हैं। इस बीच भूकंप की जानकारी दर्ज करने वाले नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की आधिकारिक वेबसाइट से ये जानकारी सामने आयी है कि वर्ष 2024 में पूरे सालभर में सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्रों की धरती 14 बार भूकंप के झटको से कंपकंपाई। जिसमें 4 बार सिंगरौली और 10 बार सोनभद्र में झटके महसूस किये गये। वाकई में भूकंप के ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं क्योंकि परिक्षेत्र में भूकंप की इतनी अधिक तादात के बारे में न तो पहले कभी सुना गया और न ही भूकंप से कोई गंभीर हालात देखने को मिले। लेकिन सिंगरौली सोनभद्र परिक्षेत्र में वर्षों से व्यापक स्तर पर चल रही खनन गतिविधियों के मद्देनजर भूकंप के खतरनाक हालात कभी भी बन सकते हैं। इस खतरे से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि सिंगरौली सोनभद्र परिक्षेत्र में भूकंप के ये आंकड़े अचानक से इसी वर्ष 2024 में बढ़े हैं बल्कि पिछले कुछ सालों में हर साल भूकंप आता रहा है।
भूकंप शुरू कहीं और से हो रहा—–
चिंतित करने वाली बात ये भी है कि भूकंप के उक्त तमाम मामलों में भूकंप के शुरू होने का लोकेशन सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्रों के बाहर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से लेकर यूपी के प्रयागराज आदि क्षेत्रों के आसपास का रहा। लेकिन इनके झटकों को मुख्य रूप से सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्रों में महसूस किया गया। ऐसे में ये भय बनना स्वाभाविक है कि बार-बार भूकंप के दर्ज हो रहे छोटे-छोटे झटकों के बीच किसी दिन भूकंप का कोई बड़ा झटका आ गया तो फिर क्या होगा?
अक्सर पता ही नहीं चलता भूकंप का—
सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्र में माइनिंग गतिविधियों के कारण जो ब्लॉस्टिंग होती है उससे धरती में होने वाले कंपन का अहसास सामान्यतः भूकंप जैसा होता है लेकिन पिछले कुछ वर्ष से ब्लॉस्टिंग जैसे ही झटको के प्रभाव वाले भूकंप भी सिंगरौली सोनभद्र क्षेत्र में दर्ज किये जा रहे हैं। जिनके बारे में लोगों को अधिकाशंतः तब पता चलता है जब भूकंप आकर चला जाता है तो लोग भूकंप के झटको के बजाए उसके नाम से ही दहल उठते हैं। ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि अक्सर लोग भूकंप के प्रकोप का असर देश-दुनिया में देखते-सुनते रहते हैं।
क्या कहते हैं जानकार—–?
सिंगरौली-सोनभद्र क्षेत्र में भूकंप आने के अधिकांशतः कारण माइ‌निंग गतिविधियां हैं। जो खदानें खाली पड़ी हैं। उनमें बारिश के दिनों में गहरे होल से पानी काफी मात्रा में अंदर की ओर प्रवेश करता है। इससे भी कई बार भूकंप जैसा कंपन कुछेक महीनों में अक्सर महसूस किया जाता होगा। हालांकि इन भूकंप की डेप्थ 5 किमी से कम होती होती है। जिन भूकंप की डेप्थ 5 या इससे अधिक रहती है। उनमें अधिकांशतः कारण माइ‌निंग गतिविधियां रहती हैं। इसके अलावा सोनभद्र का क्षेत्र रॉक एरिया से भी सटा हुआ है। जो कभी-कभार भूकंप का कारण बनता है। कुल मिलाकर माइनिंग गतिविधियों व क्षेत्र में धरती की आंतरिक संरचनाओं के कारण वहां भूकंप के हालात सर्वाधिक होते हैं।
डॉ. वेदप्रकाश सिंह,
वैज्ञानिक निदेश, मौसम केन्द्र भोपाल

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