आरसीबी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और एसीपी सस्पेंड
भगदड़ पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया सरकार से 10 जून तक रिपोर्ट मांगी

ऑपरेशन टाईम्स बेंगलुरु।। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में जिन 11 लोगों की मौत हुई। इन सभी की उम्र 35 साल से कम थी। अधिकतर लोग अपने दोस्तों के साथ टीम का समर्थन करने पहुंचे थे। कुछ स्थानीय थे जबकि कई दूसरे जिलों से आए थे। स्टेडियम की क्षमता 35 हजार है। पर करीब 2.5 लाख लोग पहुंच गए। 13 साल की दिव्यांशी अपनी मां, बहन और मौसी के साथ स्टेडियम पहुंची थी। गेट नंबर 15 पर भीड़ में उसका सिर लोहे की रॉड से टकराया और वह गिर गई। इसके बाद लोग उसे रौंदते चले गए। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार से 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद कर्नाटक सरकार भी एक्शन मोड में आ गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन माइकल डी कुन्हा इस मामले की जांच करेंगे। साथ ही उन्होंने आरसीबी, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए नेटवर्क्स और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के जिम्मेदार प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के आदेश भी दिए। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर भी कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर, अतिरिक्त आयुक्त, डीसीपी सेंट्रल, एसीपी और क्यूबन पार्क थाने के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले, कर्नाटक पुलिस ने आरसीबी, डीएनए और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसो. पर एफआईआर दर्ज की। इन पर गैर-इरादतन हत्या, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और सार्वजनिक उपद्रव की धाराएं लगाई गई ई हैं। हैं। पुलिस ने कहा इन्होंने बिना मंजूरी आयोजन कराया।
5 बड़े कारण, जो जानलेवा बने… भारी भीड़, कम पुलिस, मोबाइल जैमर—
(1) गेट नं. 15 व 20 पर सर्वाधिक मौतें—
स्टेडियम के गेट नंबर 15 और 20 पर सबसे ज्यादा भीड़ थी। यहीं सबसे ज्यादा लोग दबे और कुचले गए। चश्मदीदों ने बताया कि गेट खुलते ही भीड़ बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
(2) मेडिकल व पुलिस इंतजाम नाकाफी—
स्टेडियम में मेडिकल कमांड सेंटर था। पर वह बुधवार को चालू ही नहीं था। वहां न तो कोई डॉक्टर था। न ही पानी या प्राथमिक इलाज की सुविधा। पुलिस की संख्या भी बेहद कम थी। गेट खुलते वक्त सिर्फ 3 पुलिसकर्मी और कुछ प्राइवेट गार्ड ही थे।
(3) मोबाइल जैमर व ट्रैफिक से मुश्किल—
स्टेडियम के पास मोबाइल जैमर लगे थे। जिससे लोग अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पाए। वहीं सड़कों पर इतनी भीड़ थी कि एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंच सकीं।
(4) मेट्रो पर भी असर, रिकॉर्डतोड़ भीड़—
बुधवार को बेंगलुरु मेट्रो ने अब तक की सबसे ज्यादा 9.6 लाख सवारी दर्ज की। भीड़ को देखते हुए शाम 4:30 बजे से कब्बन पार्क और विधानसभा मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। टिकट वेंडिंग मशीनें भी बंद कर दी गईं। इससे भीड़ बेकाबू हो गई।
(5) पुलिस वीवीआईपी सुरक्षा में व्यस्त—
जब स्टेडियम में भीड़ बढ़ रही थी। पुलिस विधानसभा के सरकारी कार्यक्रम में वीवीआईपी सुरक्षा में व्यस्त थी। कार्यक्रम स्टेडियम से 1 किमी ही दूर था। पर पुलिस ने भीड़ नियंत्रण की अनदेखी की।
धारा 144 क्यों नहीं लगाई, लाठीचार्ज करने में देर क्यों की—?
पुलिस ने अगर अनुमति नहीं दी थी तो धारा 144 क्यों नहीं लगाई गई? एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया पुलिस ने कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस की 5 टुकड़ियों मांग की थीं। पर 2.5 लाख की भीड़ पहुंचने के बाद भगदड़ होने पर 20 अतिरिक्त टुकड़ियां मांगी। जो एक घंटे में मौके पर पहुंचीं। शुरू में ही 20 टुकड़ियां क्यों नहीं मांगी? पुलिस ने भगदड़ के दौरान लाठीचार्ज किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भीड़ नियंत्रण के लिए ‘क्राउड कटर’, ‘वॉटर कैनन’ और ‘रोप ‘रोप पार्टी’ जैसे उपाय नदारद क्यों थे?