नेशनल हेराल्ड मामले के आरोपी ने किया सरेंडर
संपत्ति चोरी-अमानत में खयानत मामले में फरार था नरेंद्र कुमार मित्तल, 25000 की जमानत पर रिहा

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। नेशनल हेराल्ड की संपत्ति चोरी और खयानत मामले के फरार आरोपी नेशनल हेराल्ड प्रकाशन की कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर नरेंद्र कुमार मित्तल ने गुरुवार को जिला न्यायालय में उपस्थित होकर समर्पण कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी हर्षा परमार ने आरोपी के द्वारा प्रस्तुत किए गए जमानत के आवेदन को सुनवाई करने के बाद स्वीकार करते हुए उसे 25000 रुपए की जमानत पर रिहा करने के आदेश पारित किए। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में नेशनल हेराल्ड प्रकाशन के कर्मचारी रहे मो. सईद और संजय चतुर्वेदी ने एमपी नगर थाना में नरेंद्र कुमार मित्तल तथा हरमहेन्द्र सिंह बग्गा के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कराया था। पुलिस ने मामले में खात्मा पेश कर दिया था। फरियादी मोहम्मद सईद ने पुलिस की खात्मा रिपोर्ट को जिला न्यायालय में चुनौती दी थी। वर्ष 2014 में न्यायालय के आदेश पर एक बार फिर मामला दर्ज किया गया था?। न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ चोरी के बजाय अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। हरमहिंद्र सिंह बग्गा जमानत के लिए हाईकोर्ट तक गये थे। इस बीच जिला न्यायालय से मामले की फाइल पुलिस डायरी सहित लापता हो गई थी। धारा बदलने तथा फाइल गायब होने का लाभ हरमहेन्द्र सिंह बग्गा को मिल गया और उसे हाईकोर्ट ने प्रकरण से अलग कर दिया। दूसरे आरोपी नरेंद्र कुमार मित्तल की जमानत हरमहेन्द्र सिंह बग्गा के भाई राजेश बग्गा ने ली थी जिसे बाद में न्यायालय ने निरस्त करके फिर आरोपी मित्तल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। विगत 16 मई को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल हर्षा परमार ने प्रधान आरक्षक मुकेश के बयान दर्ज कर आरोपी नरेंद्र कुमार मित्तल को स्थायी फरार घोषित कर मित्तल के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी के साथ थाना प्रभारी को हर माह रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गये थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने आरोपी की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई भी किए जाने के निर्देश पुलिस को दिए थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के आदेश पर पुलिस मित्तल की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। पुलिस ने दो दिन पहले ही पेश रिपोर्ट में मित्तल के न मिलने की जानकारी दी थी।