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मंडला पुलिस ने 16 राज्यों में 6.96 करोड़ का फ्रॉड करने वाले तीन शातिर आरोपियों को गुजरात से किया गिरफ्तार
वकील से ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर लिए थे 17 लाख,डीजीपी मप्र ने कार्यवाही कि की प्रशंसा

ऑपरेशन टाईम्स मंडला।। मंडला पुलिस ने ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम से फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गुजरात से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपियों के खिलाफ 16 राज्यों में 48 शिकायतें हैं। इसमें 6.96 करोड़ की ठगी की है। सोमवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड पर सौंपा है। गिरफ्तार आरोपी विशाल झाला (27) पिता शंकर झाला, लक्ष्मण (47) पिता आत्मराम ठाकौर और नीरव पोपट (43) पिता मनी लाल तीनों निवासी गुजरात हैं। अन्य आरोपी फरार हैं। मास्टरमाइंड समेत कुछ लोग फरार हैं। पुलिस का मानना है कि इस गैंग को दुबई या पंजाब से ऑपरेट किया जा रहा है।
मंडला के रहने वाले एडवोकेट अंकुश झारिया ने 30 सितंबर 2024 को अंजनिया चौकी में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि 25 अगस्त को वॉट्सऐप पर मैसेज मिला। इसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कमाने की बात कही गई थी। इसमें कुछ दिन में रुपए दोगुने करने का लालच दिया गया था। मैसेज में ऐप की लिंक भी दी गई थी। इस लिंक पर क्लिक किया। इसमें 20 हजार रुपए जमा कराए गए। लिंक से कोटेक का फर्जी ऐप डाउनलोड कराया गया। इसके बाद वॉट्सऐप कॉल और मैसेज के माध्यम से और पैसे जमा करने के लिए कहा गया। अंकुश ने 28 अगस्त को 15 हजार रुपए जमा कर दिए। ऐप में जमा राशि मुनाफे के साथ दिखती रही। इससे अंकुश का विश्वास बढ़ गया। 4 सितंबर को वॉट्सऐप कॉल और मैसेज आए। इसमें बड़ी रकम जमा कर परमानेंट मेंबर बनने के साथ ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया। इसके बाद बताए गए खाते में 17 लाख रुपये जमा करा दिए।
आईपीओ खरीदते ही अकाउंट माइनस में पहुंचा—
16 सितंबर को अंकुश को ठगों ने आईपीओ खरीदने के लिए बोला। झांसे में आकर आईपीओ खरीद लिया। ये 17 सितंबर को एप में दिखने लगा। इसके साथ ही ट्रेडिंग अकाउंट में करीब 72.11 लाख रुपए माइनस दिखा। जब अंकुश ने पूछताछ की, तो उक्त रकम जमा करने के लिए बोला गया। रकम जमा नहीं करने पर जमा किए गए पैसे डूबने की धमकी भी दी गई। इसके बाद अंकुश झारिया को धोखाधड़ी का अहसास हो गया। उन्होंने पुलिस से शिकायत की।

MP पुलिस ने गुजरात में एक सप्ताह डाला डेरा—
मंडला एसपी रजत सकलेचा ने बताया कि सायबर सेल से मिले सुरागों के आधार पर एसआई लाखन सिंह राजपूत के नेतृत्व में 1 दिसंबर को टीम गुजरात रवाना हुई। टीम ने गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, मेहसाणा में रुक कर स्थानीय सायबर सेल व मुखबिरों के माध्यम से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर रविवार को मंडला लाया गया। आरोपी विशाल झाला की गिरफ्तारी के लिए जब पुलिस गांधीनगर में उसके गांव वेडा पहुंची, तब वहां के ग्रामीणों ने घेर लिया। उस दौरान मंडला पुलिस के साथ स्थानीय पुलिसकर्मी भी था। उसने आगे बढ़ कर बात की। स्थिति को नियंत्रित करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

मजदूर और बुजुर्ग लोगों को बनाते थे शिकार—
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वॉट्सऐप व टेलीग्राम ग्रुप में लोगों को जोड़कर ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम से लोगों को शिकार बनाते हैं। गरीब मजदूर और बुजुर्गों को टारगेट बनाते थे। बैंकों में इनका खाता खुलवाकर उनकी चेक बुक में साइन करवाकर खुद रख लेता था। फिर लोगों को कंपनी के आइपीओ खरीदने व ऑनलाइन आइपीओ खरीदने का झांसा देकर उक्त खातों में पैसा जमा कराते थे। इसके लिए बड़े शहरों में फर्जी कॉल सेंटर बना रखा था। इस पैसे को तुरंत निकाल लिया जाता था। देश के कई राज्यों में टीमें काम कर रही हैं। एक टीम फर्जी कॉल सेंटर चलाती है। दूसरी टीम पैसा विड्राॅल कराती है। इसमें कई फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।

10 से 15 प्रतिशत हिस्सा मिलता था—
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लक्ष्मण ठाकौर फर्जी खाते खुलवाने का काम करता था। वहीं, विशाल झाला बैंक से पैसे निकालकर ठिकाने लगाता था। नीरव पोपट दोनों को निर्देश देता था। बदले में ठगी की रकम का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। बाकी की रकम राजकोट के रहने वाले किसी जय कोटक को सौंप देते थे। जय कोटक फरार है।
देश के 16 राज्यों में की ठगी—
झारखंड पुलिस के ‘प्रतिबिंब’ ऐप के जरिए खातों से जुड़ी 48 शिकायतों की जानकारी मिलीं। आरोपियों पर दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में 48 शिकायतें हैं, जिनमें 6.96 करोड़ से भी अधिक की ठगी की गई है। इन सभी राज्यों को भी सूचना दे दी गई है।