पीओके कहेगा, मैं भारत हूं, पाक अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैंः रक्षामंत्री

नई दिल्ली।। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कारोबार चलाना कॉस्ट इफेक्टिव नहीं है बल्कि इसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है। रक्षा मंत्री ने कहा ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश की जनता ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो चुका है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए जरूरी है। भारत एक तरफ आर्थिक सफलता की सीढियों पर तेजी से बढ़ते हुए आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। और जल्द ही यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में नजर आएगा। रक्षामंत्री गुरुवार को दिल्ली में सीआईआई की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने कहा मैं मानता हूँ कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं। हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यह पूर्ण विश्वास है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं। वे भी अपने स्वाभिमान आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर लौटेंगे। वहां के अधिकांश लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। कुछ गिने-चुने ही हैं। जिन्हें भटकाया गया है। पीओके में रहने वाले हमारे इन भाइयों की स्थिति कुछ ऐसे ही है। जैसे वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी। छोटे भाई शक्ति सिंह के अलग हो जाने पर भी बड़े भाई महाराणा प्रताप का विश्वास अपने छोटे भाई के प्रति बना रहता है और वो बड़े विश्वास से कहते हैं। तब कुपंथ को छोड़ सुपथ पर स्वयं चला आएगा। मेरा ही भाई है। मुझसे दूर कहां जाएगा।
भारत हमेशा दिलों को जोड़ने की बात करता है—
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा ही दिलों को जोडने की बात करता है और हमें विश्वास है कि प्रेम, एकता और सत्य के मार्ग पर चलकर वो दिन दूर नहीं जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौटकर कहेगा। मैं भारत ही हूं। मैं वापस आया हूं। पीओके की भारत से एकजुटता इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करती है। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा आपने देखा कि किस तरह, हमने पहले आतंकी ठिकानों को और उसके बाद दुश्मन के सैन्य अड्डों एयरबेस को तबाह किया। हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे परंतु शक्ति और संयम इन दोनों के समन्वय का हमने दुनिया के सामने एक शानदार उदाहरण पेश किया। आत्मनिर्भरता के बैनर के तले हम आज क्रिटिकल और फ्रंटियर टेक्नोलॉजी पर भी लगातार सफलता हासिल कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, अनमैन सिस्टम और अंतरिक्ष आधारित सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की पकड़ अब वैश्विक मंचा पर मजबूती से स्थापित हो रही है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में मेक इन इंडिया एक अनिवार्य तत्व है। यदि हमारे पास यह क्षमता नहीं होती तो भारत की सेनाएं पाकिस्तान के निचले हिस्से से लेकर पाक अधिकृत कश्मीर तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं। उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभी दो दिन पहले ही 5वीं जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट ऐमका प्रोजेक्ट के प्रोटोटाइप मॉडल को बनाने की मंजूरी दे दी है। यह एक बहुत ही बोल्ड और निर्णायक कदम है। जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ इस देश में एयरोस्पेस सेक्टर को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।
हम न्यू ऐज वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के लिए भी तैयार हो रहे हैं—
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हम सिर्फ लड़ाकू विमान या मिसाइल सिस्टम नहीं बना रहे हैं बल्कि हम न्यू ऐज वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के लिए भी तैयार हो रहे हैं। हमारी घरेलू तौर पर विकसित प्रणालियों ने आज ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया को चौंकाते हुए यह साबित किया है कि हम दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की ताकत रखते हैं। आज देश में 16,000 से अधिक एमएसएमई रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं। ये छोटी कंपनियां हमारी सप्लाई चेन की रीढ़ की हड्डी बन चुकी हैं। ये कंपनियां न केवल आत्मनिर्भरता की हमारी यात्रा को मजबूत कर रही हैं बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी दे रही हैं। इसके साथ ही हमारा रक्षा निर्यात जो दस साल पहले हजार करोड़ रुपए से भी कम था। वह आज 23,500 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड आंकड़े तक पहुंच गया है। आज सिर्फ हथियार नहीं बल्कि हमारे सिस्टम सब सिस्टम कंपोनेंट और सर्विस भी दुनिया के 100 से ज्यादा देशों तक पहुंच रही हैं।।