वोटर लिस्ट-परिसीमन मुद्दे पर हंगामा, डीएमके की मांग- माफी मांगें शिक्षा मंत्री

नई दिल्ली/ एजेंसी।। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कल संसद में NEP के बारे में बहुत स्पष्ट कर दिया। NEP कुछ राज्यों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए लेकिन NEP में राज्यों का भी कर्तव्य है और राज्य अपना कर्तव्य पूरा करें। केवल हृश्वक्क को कोसने से काम नहीं होगा। हश्वक में किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं है। हर बच्चे को निश्चित रूप से उच्चतम शिक्षा NEP के अंतर्गत मिलेगी। राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने तीन भाषा विवाद और डीएमके के विरोध प्रदर्शन पर कहा यह सिर्फ राजनीतिक है। यह विभाजन की राजनीति है। साउथ इंडिया को नॉर्थ इंडिया से विभाजित करने की राजनीति है। मुझे लगता है कि बच्चे जितनी भाषा सीखें, उतना ही अच्छा है। भाजपा किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है।
टीएमसी ने डीएमके के प्रदर्शन को दिया समर्थन—
सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा TMC डीएमके द्वारा अपनाए गए रुख का समर्थन करती है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है। वह अप्रत्याशित है या तो उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए या उन्हें मंत्रिमंडल से मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए। टीएमसी डीएमके और तमिलनाडु के लोगों के समर्थन में खड़ी है। मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर मंगलवार को कांग्रेस और द्रमुक सहित अन्य विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित। चाहते की वहां के बच्चे नॉर्थ के साथ जुड़ें या नॉर्थ की संस्कृति सीखें? यह विभाजित क्यों करना चाहते हैं? इनके पास कोई जवाब नहीं है केवल नारे हैं। जनता भी इसे समझती है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) और सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, केरल की आशा कार्यकर्ता पिछले 30 दिनों से वेतन और मेहनताना के लिए आंदोलन कर रही हैं। देश जानता है कि वे हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र में कितना योगदान देती हैं। आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य क्षेत्र की योद्धा हैं। कोविड काल में उनके योगदान की सभी ने सराहना की थी लेकिन केंद्र और राज्य सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
शिक्षा मंत्री माफी मांगें-डीएमके की मांग—
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा केंद्र सरकार तमिलनाडु को मिलने वाले पैसे को रोक रही है कह रही है कि हमें तीन-भाषा नीति और हृश्वक्कपर हस्ताक्षर करना है। वे तमिलनाडु के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उन्हें तमिलनाडु के बच्चों के लिए मिलने वाले फंड को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। कल उन्होंने (धर्मेंद्र प्रधान) बहुत ही अपमानजनक तरीके से जवाब दिया। कहा कि हम बेईमान हैं और तमिलनाडु के लोग असभ्य हैं। हम उनसे ऐसी भाषा बोलने की उम्मीद नहीं करते हैं। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। हम माफी की मांग करते हैं।।