पंचतत्व में विलीन हुईं जोधड्या बैगा कलेक्टर-एसपी ने अर्थी को दिया कंधा

ऑपरेशन टाईम्स शहडोल।। शहडोल सँभाग के जिले उमरिया में जिले की शान और देश विदेश में बैगा चित्रकला का डंका बजवाने वाली जोधड्या बाई का लंबी बीमारी के बाद रविवार की शाम निधन के बाद सोमवार की सुबह उनके गृह ग्राम लोरहा में शोक सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। तत्पश्चात कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू, पूर्व सासंद ज्ञान सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने उनकी अर्थी को कांधा देकर अंतिम विदाई दी। जोधइया बाई को उनके पोते अमर ने मुखाग्नि दी। बता दें कि बैगा चित्रकला के दम पर पद्मश्री एवं राष्ट्रीय नारी सम्मान हासिल करने वाली पद्मश्री जोधइया बाई ने 67 वर्ष की उम्र में चित्रकला का प्रशिक्षण लिया और देश-विदेश में बैगा आर्ट को स्थापित किया। उनका जीवन आदिवासी समाज की आवाज और उनकी कला परंपराओं का प्रतीक रहा। उनकी प्रेरणा से ग्राम लोरहा की दर्जनों बैगा महिलाओं ने चित्रकारी की कला सीखी और इसे अपने जीवनयापन का साधन बनाया। जोधइया बाई ने न केवल आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया बल्कि उनके लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। गणमान्य नागरिकों ने इस मौके पर कहा कि उनका जाना आदिवासी समाज और कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।