
ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह उद्योग का नया क्षेत्र है और इसका बड़ा बाजार है। इस उद्योग में रोजगार की भी बेहतर और बड़े अवसर हैं। प्लास्टिक उद्योग के विकास के लिए इसके दुष्प्रभाव को दूर कर सावधानी रखते हुए आगे बढ़ेंगे। प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को इंदौर में प्रारंभ हुए प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन प्लास्टपैक 2025 को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन 12 जनवरी तक उद्योग मेले के रूप में चलेगा। इसमें प्लास्टिक उद्योग से जुड़ी 400 से अधिक कंपनियां और 2 हजार से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के सहयोग से हो रहा है। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री रमेश मेंदोला तथा श्री मधु वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य श्री अभिषेक शर्मा तथा इंडियन प्लास्टपेक फोरम के चेयरमेन श्री सचिन बंसल आदि मौजूद थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग के विकास की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। इस उद्योग के विकास में पूरी मदद दी जाएगी। बदलते दौर में प्लास्टिक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह जीवन उपयोगी भी है। प्लास्टिक ने अपनी उपयोगिता कोविड काल में साबित की है। यह जीवन रक्षक के रूप में सामने आया है। कोविड के दौरान पीपीई कीट हो या मॉस्क आदि में प्लास्टिक का उपयोग हुआ है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी हैं। इन दुष्प्रभावों को दूर करने के प्रयास होंगे। पर्यावरण की चिंता भी रखी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति और नई दिशा दी जा रही है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए रिजनल स्तर पर इन्वेस्टर समिट आयोजित किये जा रहे हैं। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहें हैं। प्रदेश में अब तक 6 रिजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित हो चुकी है। इनके माध्यम से चार लाख करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में आया है। इससे लगभग तीन लाख लोगों को रोजगा मिलेगा। उक्त निवेश से प्रदेश में 200 करोड़ रूपये का राजस्व भी प्राप्त होगा।