
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिले के सरई थाना परिसर में इन दिनों एक सुखद और प्रेरणादायी दृश्य साकार हो रहा है। जहां एक ओर पुलिस थाने अक्सर कठोर अनुशासन, अपराध की जाँच और व्यस्त दिनचर्या के लिए जाने जाते हैं। वहीं सरई थाना ने करुणा, संवेदना और मानवीय मूल्यों की एक नई मिसाल पेश की है। थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भदौरिया की दूरदर्शिता और संवेदनशील सोच से प्रेरित यह पहल न केवल समाज में एक सकारात्मक संदेश देती है, बल्कि थानों की पारंपरिक छवि को भी नया आयाम प्रदान करती है। थाना परिसर मे एक विशेष व्यवस्था की गई है प्यासे पशुओं के लिए जल की उपलब्धता। हरे-भरे वृक्षों की छांव में, जहां पुलिसकर्मी और आमजन कानून की भाषा में संवाद करते हैं। वहीं अब गौवंश और अन्य मूक जीव भी शांति से अपनी प्यास बुझाते हुए दिखाई देते हैं। यह दृश्य न केवल आंखों को सुखद अनुभूति देता है बल्कि मन को भी शीतल करता है। थाना प्रभारी श्री भदौरिया द्वारा न केवल पशुओं के लिए जल की समुचित व्यवस्था करवाई गई है बल्कि फरियादियों एवं आम जनमानस के लिए भी मिट्टी के घड़ों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह कार्य छोटा सा हैं लेकिन गहराई से भरा कार्य प्रशासनिक सेवा के साथ मानवीय मूल्यों का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करता है। थाना परिसर में लगे जल पात्र, मिट्टी के घड़े और सीमेंट के पक्के हौद इस बात के साक्षी हैं कि सेवा केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं, अपितु हर उस जीव तक पहुंचनी चाहिए जो इस धरती का हिस्सा है। यह पहल यह सिद्ध करती है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ यदि संवेदनशीलता और मानवता को जोड़ा जाए, तो समाज में विश्वास और अपनापन स्वतः ही प्रस्फुटित होता है। यह कार्य न केवल पशुप्रेम का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जीवों के प्रति दायित्वबोध की भी एक प्रभावशाली अभिव्यक्ति है। ऐसे समय में जब शहरीकरण के कारण जीव-जंतुओं और आमजन के लिए शुद्ध जल की उपलब्धता एक चुनौती बनती जा रही है। सरई थाना की यह पहल एक प्रेरणा स्रोत है। जिसे प्रदेश भर के अन्य थानों द्वारा भी अपनाया जाना चाहिए। यह कहना अनुचित न होगा कि सरई थाना ने प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ करुणा और सेवा की वह बुनियाद रखी है, जिस पर एक समावेशी, जागरूक और संवेदनशील समाज की कल्पना की जा सकती है।