
ऑपरेशन टाईम्स सीधी।। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव की लीला साहू का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। गर्भवती लीला साहू ने गांव की कच्ची सड़क की बदहाली और उससे होने वाली परेशानियों को सामने लाते हुए प्रशासन और नेताओं से सड़क निर्माण की मांग की है। उनके वीडियो ने न सिर्फ ग्रामीणों की आवाज़ को मजबूती दी बल्कि सरकार और प्रशासन को भी जवाबदेह बनाया है। इस वायरल वीडियो के बाद ग्रामीण सड़क की समस्या राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है और कई नेता भी गांव का दौरा कर चुके हैं। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव की रहने वाली लीला साहू ने अपने गांव की कच्ची सड़क की बदहाली को लेकर एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया है।लीला साहू, जो गर्भावस्था के नौवें महीने में हैं। जिसमें वीडियो में गांव की सड़क की हालत और उससे जुड़ी परेशानियों को सामने रखा है।
सड़क बनी मुसीबत—
लीला शाहू ने बताया कि गांव की 10 किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क बारिश के मौसम में कीचड़ और गड्ढों से भर जाती है। इस सड़क से 30 से ज्यादा गांव जुड़े हैं लेकिन खराब हालत के कारण गर्भवती महिलाओं और मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत होती है। कई बार महिलाओं को छह किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ता है |
सांसद के अधूरे वादे—
लीला साहू पिछले एक साल से प्रशासन और नेताओं से सड़क के लिए गुहार लगा रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और सांसद डॉ. राजेश मिश्रा को आवेदन दिए लेकिन केवल आश्वासन मिला है। सांसद ने नवंबर 2024 तक सड़क निर्माण शुरू करने का वादा किया था लेकिन जुलाई 2025 तक कोई काम शुरू नहीं हुआ। लीला ने वीडियो में सांसद से जवाब मांगा है कि वादा कब पूरा होगा।
सरकार पर साधा निशाना—
लीला साहू के वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल गांव पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि छह गर्भवती महिलाओं को रोजाना पैदल चलना पड़ता है। जो चिंता का विषय है। पटेल ने मुख्यमंत्री से सड़क निर्माण की मांग की और कहा कि यह मामला विधानसभा में भी उठाएंगे।
सोशल मीडिया पर चर्चा—
खड्डी खुर्द गांव की सड़क की समस्या करीब 20 साल से है। लीला साहू ने अपनी बघेली बोली में वीडियो बनाकर इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं और सरकार से सवाल कर रहे हैं कि कब तक ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहेंगे।