जबलपुर में फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 21 वाहन हुए जब्त,STF ने की कार्यवाही


गिरोह की जानकारी कैसे मिली—-?
रांझी निवासी गीता कुशवाहा ने बताया कि प्रशांत और उसके एक साथी ने लोन दिलाने के नाम पर उनके दस्तावेज लिए। बाद में गीता को पता चला कि उनके दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस किया गया है। गीता ने इस मामले की शिकायत की। जिसके बाद एसटीएफ ने जांच शुरू की।

गिरोह के काम करने का तरीका—-
– प्रशांत कुशवाहा, विवेक सिंह राजपूत, इंद्रजीत, और प्रवीण सोनी जैसे सदस्य लोगों को लोन का झांसा देकर उनके दस्तावेज लेते थे।
– इन दस्तावेजों का उपयोग कर वाहनों को फाइनेंस कराया जाता था।
– फाइनेंस कराए गए वाहन ग्रामीण इलाकों में भेज दिए जाते थे।
– आरोपी शोरूम से वाहन उठाने के लिए छद्म लोगों का इस्तेमाल करते थे।
कार्रवाई और जब्ती—-
एसटीएफ ने आरोपी प्रशांत कुशवाहा को जबलपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 21 दोपहिया वाहन और बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए। इस गिरोह का नेटवर्क जबलपुर के लगभग सभी शोरूम तक फैला हुआ था।
कार्यवाही में शामिल टीम—-ं
एसटीएफ अधिकारी राहुल रघुवंशी ने आरोपी को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मामले में आगे की जांच जारी है।
यह सफलता एसटीएफ की सतर्कता और संगठित अपराध पर लगाम लगाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।।