मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना अंतर्गत 63 जोड़ो ने लिये सात फेरे
कलेक्टर, विधायक, महापौर, निगम अध्यक्ष ने नव दम्पत्ति जोड़ो पर पुष्प वर्षा कर दिया सुखी जीवन का आशिर्वाद

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। अटल सामुदायिक भवन बिलोजी में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह निकाय योजना के तहत 63 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ। सामूहिक विवाह में ग्रामीण और शहरी इलाकों के दर्जनों दूल्हा दुल्हन ने लिए अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिये। विवाह समारोह में भारी संख्या में दम्पत्तियों के साथ ही बराती भी शामिल हुए । सामूहिक विवाह में जनपदपंचायत बैढ़न अंतर्गत के 40 नगर निगम सिंगरौली के 20 तथा नगरपरिषद बरगवा अंतर्गत के 3 जोड़ो का विवाह संपन्न हुआ। कार्यक्रम में सिंगरौली विधानसभा के विधायक रामनिवास शाह, देवसर विधानसभा के विधायक राजेन्द्र मेश्राम, नगर पलिक निगम् सिंगरौली की महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल, कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला, नगर निगम अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने नव विवाहित जोड़ो पर पुष्प वर्षा कर सुखमय वैवाहिक जीवन का आशिर्वाद दिया। सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर माइकल तिर्की, डिप्टी कलेक्टर देवेंद्र द्विवेदी, पार्षद सीमा जैसवाल , पार्षद अनिल बैश, पार्षद राम नरेश शाह, पार्षद पति गेंदलाल शाह सहित जनप्रतिनिधियों ने भी नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देकर उनके सुखी वैवाहिक जीवन की कामना की।
हिन्दू धर्म में खरमास में मांगलिक कार्य प्रतिबंधित है, जिला प्रशासन द्वारा यह आयोजन हिन्दू धर्म का अपमानः पूर्व ननि अध्यक्ष—
सिंगरौली जिले में सामूहिक विवाह के आयोजन पर नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा ने विरोध जताया है। उन्होने कहा कि खरमास की अवधि को हिंदू धर्म में शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए खरमास के 30 दिनों में ये काम वर्जित माने जाते हैं। बता दें कि सूर्य जब-जब गुरु की राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लग जाता है। 15 दिसंबर 2024 को धनु राशि में सूर्य के गोचर के बाद खरमास लग गया था। 15 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी के बीच इन 30 दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं होने चाहिए। पूर्व ननि अध्यक्ष ने कहा कि यदि यह आयोजन करना ही था तो इसे 14 जनवरी के बाद किया जाना चाहिए, परन्तु जिला प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं किया गया। पूर्व ननि अध्यक्ष ने कहा कि सामूहिक विवाह की तिथियों का चयन जनप्रतिनिधियों की राय के बाद किया जाता है। उन्होने कहा कि इसके लिए विधायक, महापौर तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से चर्चा भी की गयी होगी परन्तु उनके द्वारा भी यह नहीं बताया गया कि खरमास माह में मांगलिक कार्य नहीं होते। उन्होने कहा कि यह हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ है और प्रशासन द्वारा जिले के लोगों की रीतियों के साथ खिलवाड़ किया गया है। पूर्व निगम अध्यक्ष ने कहा कि इस बात को सीएम मोहन यादव द्वारा संज्ञान लेना चाहिए तथा उक्त घटना में शामिल लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए।