
नई दिल्ली एजेंसी।। निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश, पुरुष हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट, प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद नामित किया गया है। महज 22 साल की उम्र में भाकर ने अगस्त में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतकर एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाले स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट बनकर इतिहास रच दिया। इस बीच हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने उसी खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। जिसे युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। यह चार वर्षों की अवधि में खेलों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देता है। विशेष रूप से ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में। पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
पुरस्कार का संक्षिप्त इतिहास—
इस पुरस्कार की स्थापना 1991-1992 में की गई थी। जिसका मूल नाम भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था। पहले प्राप्तकर्ता शतरंज के बैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन और एथलेटिक्स सहित विभिन्न खेल विधाओं के कई प्रतिष्ठित एथलीटों को दिया गया है। फरवरी 2015 में पुरस्कार प्राप्त करने के मानदंडों को संशोधित किया गया था ताकि एथलीट के प्रदर्शन का मूल्यांकन सिर्फ एक वर्ष के बजाय चार वर्षों में किया जा सके। इस बदलाव का उद्देश्य एथलीट के योगदान और उपलब्धियों का अधिक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करना था।।