मादक पदार्थ का सेवन कर ऑफिस आए शासकीय अधिकारी व कर्मचारी तो इनके साथ विभाग प्रमुख पर भी होगी कार्रवाई
रीवा कमिश्नर ने 5 दिन पूर्व सिंगरौली सहित संभाग के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर कार्रवाई करने का दिया निर्देश

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली जिले में बीच-बीच में शिक्षकों के शराब पीकर स्कूल आने के वीडियो वायरल होते रहे हैं। शासकीय कर्मी भी शराब का सेवन कर कार्यस्थल पर आते रहे हैं। ऐसे लोगों को अब सुधरने एवं सावधान होने की जरूरत है क्योंकि अब मादक पदार्थ का सेवन कर कार्यस्थल पर आए या मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। समय-समय पर सामने आने वाले ऐसे प्रकरणों पर संज्ञान लेते हुए संभागायुक्त बीएस जामोद ने 12 नवंबर को सिंगरौली सहित संभाग के मऊगंज, रीवा, सतना, सीधी व मैहर के कलेक्टरों को पत्र भेजकर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मातहतों के आचरण पर नजर रखें विभाग-संस्था प्रमुख—
उन्होंने कहा है कि मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 23 के अनुसार शासकीय सेवकों को कार्यस्थल या सार्वजनिक जगहों पर मादक पदार्थों एवं औषधियों का सेवन पूर्णतः निषिद्ध है। इसका उल्लंघन अनुशासनहीनता के साथ पदीय दायित्वों के प्रतिकूल होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए कार्यालय और संस्था प्रमुखों का यह दायित्व है कि वे स्वयं आचरण नियमों का दृढ़ता से पालन करते हुए अपने नियंत्रणाधीन शासकीय सेवकों के आचरण का नियमित रूप से पर्यवेक्षण कर उनसे नियमों का पालन कराएं। कार्यालयों में विहित आचरण नियमों का पालन करते हुए अपने दायित्वों का अनुशासनपूर्वक पालन करें, मगर हाल ही में शासकीय कार्यालयों, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थाओं में शासकीय सेवकों/शिक्षकों के शराब पीकर उपस्थित होने के प्रकरण संज्ञान में आए हैं। जो आचरण नियमों के विपरीत होकर अशोभनीय कृत्य की परिधि में आता है। इससे शासन प्रशासन की छवि प्रभावित होती है।
ऐसे प्रकरणों में दोषियों पर तत्परता से करें कार्रवाई—
कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि ऐसे प्रकरणों में दोषी शासकीय सेवकों के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई सुनिश्चित करें। यदि ऐसे प्रकरण संज्ञान में आते हैं कि संस्था प्रमुख ने स्वयं निर्देशों का पालन नहीं किया या दोषी के विरुद्ध उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं नहीं की गई और अन्य माध्यमों से यह पता चला कि कर्मचारी या अधिकारी शराब पीकर कार्यालय में आए हैं तो उसके साथ संस्था या कार्यालय प्रमुख के खिलाफ भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।