
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिले की वन भूमि पर लगातार कब्जे किए जा रहे हैं। जंगलों के आसपास बसे गांवों के लोग ही नहीं दूरदराज रहने वाले लोग भी इस खेल में शामिल हैं। जो अपने साधन व संसाधन जुटाकर आदिवासी लोगों के जरिए खेती करा रहे हैं। वर्षों से जारी इस खेल में अब तक हजारों एकड़ भूमि वन अमले के कब्जे से निकल चुकी है। उस जमीन पर व्यावसायिक तौर पर फसलें उगाई जा रही हैं। शिकायतों और खबरों के बाद अमला सक्रिय होता तो कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करके आला अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत कर देते हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है। वन मंडल की ऐसी कार्यप्रणाली से इस प्रकार के कब्जे दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। गत दिवस वैढ़न वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत गोभा अंतर्गत ग्राम मुनगहवां में घने जंगल के बीच लकड़ी काटने और पेड़ों की कटाई करने के बाद ठूंठ जलाकर सबूत मिटाने, वहां पर झोपड़ी बनाकर लम्बे समय से निवास करने का दिखावा किया जा रहा है। उसी के साथ लगी हुई भूमि पर खेती किसानी करने का भी काम किया गया। इस गांव के जंगल की अवैध कटाई से वन का सफाया तो किया ही जा रहा है, इसके साथ ही लकड़ी का भी कारोबार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे इस गांव में इस प्रकार की गतिविधियां सामने आयीं तो कुछ समय के लिए सक्रिय हुए वन अमले ने पहुंच कर झूठी कार्रवाई कर दी।