जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागों तुम, कुछ किए बिना जय जयकार नहीं होती, संघर्ष करने वालों की कभी हार नहीं होती : उदाहरण बने राकेश बैस थाना प्रभारी बहरी

ऑपरेशन टाईम्स सीधी।। ऐतिहासिक बातों का जो भी उल्लेख विद्वानों ने किया है। कहीं ना कहीं नैतिक जीवन में एक बहुत बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। चाहे वह किसी भी मामले को लेकर ही क्यों ना हो। यदि कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को लेकर एक टक हो जाए तो असफलता मिलने के बाद भी परिश्रम रूपी कदम पीछे नहीं खींचना। बाद में कहीं ना कहीं समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाता है। वर्तमान समय की अगर स्थिति को गौर से देखा जाए तो इन पहलुओं पर युवा खरे नहीं उतर पा रहे हैं। युवाओं की अगर बात किया जाए तो अगर उनके द्वारा निर्धारित लक्ष्य एक दो बार असफलता की राह दिखाता है तो कहीं ना कहीं अपने सपनों को वह भूल जाते हैं। हार मानकर दूसरा रास्ता चुन लेते हैं लेकिन इतिहास गवाह है कि यदि कोई भी काम को लगन के साथ किया जाए तो एक दिन कहीं ना कहीं सफलता की राह खुल जाती है और अपने सपनों को साकार करने में युवा कामयाबी हासिल करते हैं जो कि समाज में एक अलग ही पैठ बनती है। कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार कर्मचारियों हौसला बढ़ाने की जरूरत है ताकि आज के समय में जो युवा गलत रास्ते को अपना रहे हैं। इन मुद्दों पर सुधार कर देश में वह भी एक अपना अलग स्थान पा सके। यह सभी को मिलकर करने की जरूरत है ताकि समाज में फैल रही कुरीतियों पर रोक लग सके।
17 साल का कार्यकाल अब तक रहा बेमिसाल—
यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों तथा कर्मचारियों की समाज में कमी है। ऐसे में ही पुलिस विभाग के जांबाज ऑफिसर वर्तमान में सीधी जिले के थाना प्रभारी बहरी राकेश सिंह बैस का है। जिनकी अगर बात किया जाए तो मध्यवर्गीय परिवार का बेटा अब तक 17 साल के कार्यकाल में पुलिस विभाग में एक उत्कृष्ट कार्यकाल के रूप में इन्होंने अपनी सेवा दी। वर्तमान में भी और अभी भी सेवा दे रहे हैं। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के निवासी राकेश सिंह बैस पिता स्वर्गीय रमेश बैस जो कि मध्यप्रदेश के सब इंस्पेक्टर के पद पर सन 2008 में पहली पोस्टिंग बुरहानपुर जिले में हुई। सन 2011 में इंदौर में स्थानांतरण हो गया। 2012 से 2014 तक बालाघाट जिले में रहे। 2015 में उमरिया जिले में प्रमोशन हुआ। जहां उमरिया जिले में लगभग 2018 तक टीआई के रूप में अपनी सेवा दिए। विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए 2018 में अनूपपुर भी स्थानांतरण किया गया। 2018 से 2022 तक अनूपपुर जिले में इन्होंने अपनी सेवा थाना प्रभारी के रूप में दिए। 2023 में स्थानांतरण सीधी जिले में हुआ। जहां 10 माह अमिलिया थाना में अपनी सेवा दिए। जून 2024 से अभी तक वर्तमान में थाना प्रभारी बहरी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।
बालाघाट में सेवा के दौरान आतंकियों का किए थे भंडाफोड़—
बालाघाट जिले में सेवा के दौरान इन्होंने 15000 रुपए के इनामी आतंकी को बिलासपुर से गिरफ्तार किया था। वहीं बालाघाट के ही जिले में रूपझर थाना क्षेत्र अंतर्गत आतंकियों ने बम ब्लास्टिंग की योजना बनाया था। जहां उनके मंसूबों पर इन्होंने पानी फेर दिया था और दो जगह पर ब्लास्टिंग होने से रुकवा दिया था। नक्सलियों के द्वारा दो जगह पर ब्लास्टिंग करने की योजनाएं बनाई जा रही थी। जिसके तदउपरांत सक्रियता से इन्होंने दो जगह पर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था।
17 साल के कार्यकाल में पुलिस लाइन में आज तक नहीं लगी ड्यूटी—
सूत्रों की माने तो राकेश बैस के 17 साल के कार्यकाल में आज तक एक भी बार पुलिस लाइन में ड्यूटी नहीं करनी पड़ी। जानकारी के मुताबिक लगातार 2015 से आज तक थाना प्रभारी के ही रूप में इन्होंने सेवा दिया। बात किया जाए तो कहीं ना कहीं ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के कारण यह उत्कृष्ट जानकारी सामने निकल कर आ रही है। इसी उत्कृष्ट कार्य को लेकर पुलिस विभाग के द्वारा गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर सम्मान पत्र भी दिया गया।
कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में जनता के बीच बनाई अलग पहचान—
वर्तमान थाना प्रभारी बहरी राकेश सिंह बैस ने 17 साल के कार्यकाल में जहां पर इन्होंने अपनी सेवाएं दी है। क्षेत्र में जनता के प्रति इन्होंने अलग जगह बनाई। सूत्रों की माने तो फरियादियों से सकुशल तरीके से मिलना और वैधानिक रूप से जांच कार्यवाही करना कहीं ना कहीं जनता के प्रति विश्वास कायम इन्होंने किया है। यही वजह है कि जनता भी सम्मान के दृष्टि से देखती है।