IPS अपना व्यवहार सुधारें नहीं तो हटा दिए जाएंगे : सीएम मोहन

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई करते हुए पहली बार एक साथ चार IPS अधिकारियों को पद से हटाया है। इसमें दो एसपी, एक आईजी और एक डीआईजी शामिल हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो जिलों के एसपी, एक आईजी और एक डीआईजी को तत्काल पद से हटाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल दो अलग-अलग मामलों में सरकार ने पाया कि उनकी कार्यशैली से सरकार की छवि खराब हो रही है और इस खराब छवि के चलते चारों अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसी कार्रवाई—
मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार चार आईपीएस अधिकारियों पर मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी सख्त कार्रवाई की गई है। बता दें दो दिन से मध्य प्रदेश के दो अलग-अलग इलाकों से पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे थे।
क्या कारण रहे सीएम की कार्रवाई के—
दरअसल एक सीएसपी के साथ कथित प्रेम प्रसंग को लेकर कटनी के एसपी अभिजीत रंजन के ऊपर लगातार सवाल उठ रहे थे और सीएसपी ख्याति मिश्रा के पति तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी मिश्रा एसपी पर खुद की हत्या का षड्यंत्र करने तक आरोप लगा रहे थे। इसी बीच शनिवार की रात ख्याति मिश्रा के पिता की पुलिस द्वारा की गई पिटाई और उसके बाद थाने में हुआ ड्रामा इस पूरे हाई वोल्टेज प्रेम प्रसंग को और गरमा गया और इसके चलते कटनी की पुलिस की छवि पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ा। मुख्यमंत्री ने मामले के संज्ञान में आते ही तुरंत कटनी के एसपी अभिजीत रंजन को वहां से हटाने के निर्देश दिए।
शनिवार को ही दतिया एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्चुअल उद्घाटन था और इस अवसर पर चंबल आईजी सुशांत सक्सेना और दतिया एसपी वीरेंद्र मिश्रा के बीच जमकर बहस हुई। दोनों के बीच गाली-गलौज भी हुई और मर्यादा तारतार हो गई। रविवार को यह वाकिया सोशल मीडिया पर घूमता रहा कि एक आईजी और एसपी के बीच हुआ संवाद बेहद शर्मनाक था और मर्यादाओं को छिन्न-भिन्न कर दिया। इसके चलते ही मुख्यमंत्री ने चंबल के आईजी सुशांत सक्सेना डीआईजी कुमार सौरभ और दतिया के एसपी वीरेंद्र मिश्रा को भी तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस बात का ट्वीट भी किया और आईजी डीआईजी और दोनों एसपी के व्यवहार को खेदजनक मानते हुए उन्हें पद से हटाने के निर्देश देने का भी उल्लेख किया। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार है कि चार आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने इतनी सख्त कार्रवाई की हो। इस पूरी कार्रवाई का साफ संदेश है कि कदाचार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगा चाहे कितने भी बड़े पद पर बैठा हुआ अधिकारी या व्यक्ति क्यों ना हो।