मऊगंज में टीआई को 4 घंटे तक घेरे रहे बदमाश
मऊगंज TI ने कहा- मुझे और कॉन्स्टेबल को मूसा गैंग से खतरा, 50 लोगों ने थाने में किया घेराव

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। मऊगंज थाना प्रभारी ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और आशंका जताई है कि उन्हें मूसा गैंग से खतरा हो सकता है। इस मामले पर पुलिस प्रशासन, कांग्रेस और स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया सामने आई है। मऊगंज के थाना प्रभारी सनत कुमार द्विवेदी ने रोजनामचे में एक अहम बयान दर्ज किया। जिसमें उन्होंने खुद और अपने साथी कांस्टेबल सुजीत की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। टीआई ने लिखा कि उन्हें और उनके सहकर्मी को शराब तस्करी से जुड़े एक गैंग से खतरा है। यह गैंग जिसे मूसा गैंग के नाम से जाना जाता है। उनके खिलाफ हमला करवा सकता है। 28 जनवरी को इस रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा था कि भविष्य में यदि उनके या उनके सहकर्मी के साथ कुछ दुर्घटना होती है तो इस घटना के लिए इन गैंग के सदस्यों को जिम्मेदार माना जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस रिपोर्ट के मुताबिक 40 से 50 लोगों ने टीआई द्विवेदी को धमकाया और उन्हें थाने में चार घंटे तक घेरकर रखा। ये लोग टीआई पर दबाव डाल रहे थे कि वह एक मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज करें। टीआई ने बताया कि इनमें शराब तस्कर विपिन त्रिपाठी, प्रॉपर्टी डीलर संतोष तिवारी, बदमाश अशोक चौरसिया और युवा कांग्रेस अध्यक्ष आशुतोष तिवारी शामिल थे। इन लोगों ने थाने में घुसकर चैंबर में गाली-गलौज की और टीआई को धमकी दी कि वे मीडिया में उनके खिलाफ खबर चलवाएंगे और थाने के बाहर धरना देंगे।
भीड़ को देख फरियादी थाने से भाग गया था—
टीआई ने बताया कि वह कोशिश कर रहे थे कि इन लोगों को समझाकर शांत कर दें लेकिन पुलिस बल की कमी के कारण वे असहाय हो गए। इस दौरान फरियादी मनीष सोनी भी डरकर थाने से भाग गए। इसके बाद टीआई ने इस बारे में एडिशनल एसपी अनुराग पांडे को जानकारी दी और फिर पुलिस लाइन से बल भेजा गया। एएसपी के आदेश पर विपिन त्रिपाठी के नौकर ने मनीष सोनी के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया।
यह है विवाद की वजह—
28 जनवरी की शाम करीब 7:30 से 8:00 बजे के बीच चाक मोड़ पर एक विवाद शुरु हुआ। रघुनाथ गंज निवासी मनीष सोनी मऊगंज में काम करता है और रोज बस से सफर करता है। उस रात उसे रीवा जाने वाली बस नहीं दिखी। जब उसने वहां खड़े एक युवक से बस के बारे में पूछा तो वह बिना जवाब दिए चला गया और कुछ देर बाद अपने साथ कुछ लोगों को ले आया। आते ही उन लोगों ने मनीष से मारपीट की और 15 हजार रुपए छीन लिए। मनीष का कहना है कि वह हमलावरों के नाम नहीं जानता लेकिन चेहरे से पहचान सकता है। घटना के बाद वह अस्पताल पहुंचा। जहां से उसे थाने भेजा गया लेकिन वहां भी विवाद बढ़ गया। जिससे वह डरकर भाग गया और अगले दिन रिपोर्ट दर्ज कराई।
दूसरे पक्ष की क्या है पूरी कहानी—
वहीं विपिन त्रिपाठी के कर्मचारी ईशु सोंधिया ने आरोप लगाया कि उसी रात कुछ युवक बाइक से आए और उसके साथ मारपीट कर मोबाइल छीन ले गए। ईशु के मुताबिक वह वार्ड नंबर 4 कन्या पाठशाला मऊगंज में रहता है और घटना के वक्त अपने मालिक विपिन त्रिपाठी के घर पर था। दूसरी ओर विपिन त्रिपाठी ने बताया कि उनके घर चोरी की मंशा से कुछ लोग घुसे थे। जिसकी सूचना उन्होंने थाने को दी। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश की लेकिन थाना प्रभारी ने कह दिया कि समझौता हो गया है और रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
एडिशनल SP की मौजूदगी में FIR की गई दर्ज—
विपिन त्रिपाठी का कहना है कि जब उन्होंने थाना प्रभारी से पूछा कि किस बात का समझौता हुआ है तो उन्हें कोई साफ जवाब नहीं मिला। बाद में उन्होंने दोबारा अपने लोगों को थाने भेजा लेकिन उन्हें भगा दिया गया। मामला बढ़ने पर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई।जिसके बाद एडिशनल एसपी की मौजूदगी में एफआईआर दर्ज हो पाई। इस पूरी घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है और अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस घटना को लेकर SP ने दिया बयान—
एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि इस घटना के बाद मामला दर्ज कराया गया और एएसपी ने जांच की प्रक्रिया शुरु की। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है और यह भी जांच की जा रही है कि टीआई ने रोजनामचे में जो रिपोर्ट लिखी। वह क्यों लिखी? और उसमें लिखी गई बातों की सच्चाई क्या है? एएसपी अनुराग पांडे ने इस पूरे घटनाक्रम पर बयान देते हुए कहा कि रोजनामचे में दर्ज रिपोर्ट के तथ्यों की जांच की जा रही है। उनका कहना था कि इस घटना का प्रचार जैसा किया जा रहा है। वैसा नहीं है और टीआई को दोनों पक्षों की रिपोर्ट लिखनी चाहिए थी। इस मामले में हर पहलू की जांच जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीआई की जान को वाकई खतरा था या नहीं।
पुलिस खुद सुरक्षा की मांग कर रही है :- कांग्रेस—
कांग्रेस नेताओं ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि मऊगंज में पुलिस खुद सुरक्षा की गुहार लगा रही है। पुलिस के एक अधिकारी को ही जब खुद खतरा महसूस हो रहा हो तो यह दर्शाता है कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले की त्वरित जांच की मांग की है ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।।