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ग्वालियर से किडनैप बच्चा 14 घंटे बाद मुरैना से मिला
मुरैना के माता बसैया में रिक्शेवाले ने रोते देखा,पुलिस ने परिजन से कराई बात


रो रहा था शिवाय, ई-रिक्शा वाले ने सरपंच को सौंपा—
बंशीपुरा गांव में शिवाय एक जगह पर खड़ा था। वह रो रहा था। तभी वहां से एक टमटम (ई-रिक्शा) वाला निकला। उसने बच्चे को रोते हुए देखा। जब उसने बच्चे को गौर से देखा तो पहचान लिया कि यह तो ग्वालियर से किडनैप किया हुआ बच्चा ही है। उसने बच्चे को काजीबसई गांव के सरपंच को सौंप दिया। सरपंच ने बच्चे के माता-पिता से संपर्क किया। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची।

सीएम ने अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए—
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अपहृत बालक सकुशल मिल गया है। उसकी माता-पिता बात भी करा दी गई है। उसे जल्द से जल्द माता-पिता के पास ले जाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि आज सुबह घटना होते ही ग्वालियर पुलिस ने बेहद तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। सर्चिंग अभियान चलाया और पुलिस की मुस्तैदी से बच्चा मिल गया है। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर पुलिस की तत्परता की सराहना की और ऐसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों पर सख्त से सख्त ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कानून व्यवस्था के लिए जानी जाती है। मध्यप्रदेश की धरती पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

मां की आंखों में मिर्ची झोंककर उठा ले गए थे बदमाश—
बता दें कि गुरुवार सुबह करीब 8 बजे 6 साल के बच्चे का अपहरण हो गया था। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे को उसकी मां स्कूल बस तक छोड़ने लेकर जा रही है। इसी दौरान बाइक पर दो बदमाश पीछे से आए। एक बदमाश महिला और बच्चे के पीछे उतर गया जबकि बाइक चला रहा युवक बाइक के साथ थोड़ी आगे जाकर रुका। इसके बाद बदमाश ने पीछे से आकर महिला की आंखों में मिर्ची डाली और बिजली की फुर्ती से बच्चे को उठाकर बाइक की ओर भागा। बच्चे को पकड़ने दौड़ी मां सड़क पर गिर गई। इस बीच दोनों बदमाश बच्चे को लेकर भाग निकले। मां किसी तरह उठी और शोर मचाने लगी। घटना मुरार थाना क्षेत्र की सीपी कॉलोनी में जैन मंदिर के सामने की है। जानकारी के अनुसार शिवाय अपनी मां आरती गुप्ता के साथ स्कूल बस पकड़ने के लिए सुबह 8 बजे घर से निकला था। वह लिटिल एंजेल स्कूल में यूकेजी का छात्र है। शिवाय के पिता राहुल गुप्ता शुगर कारोबारी हैं। उनका कहना है कि मेरा किसी से कोई विवाद या दुश्मनी नहीं है।

आरोपियों पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित—
पुलिस बदमाशों की आखिरी लोकेशन लक्ष्मणगढ़ के पास मिली थी। हालांकि इस बीच अगवा बच्चे शिवाय के परिवार को फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया। ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने आरोपियों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

पीछे से आकर आंखों और चेहरे पर मिर्च डाली—
शिवाय को मां आरती रोज गली के कॉर्नर पर बस तक छोड़ने जाती है। गुरुवार को वह 8:05 बजे घर से बेटे का हाथ पकड़कर गली के कॉर्नर के लिए निकली थी। आरती के एक हाथ में शिवाय का स्कूल बैग था। दूसरे हाथ से उसे पकड़े हुए थी। वह बमुश्किल 150 फीट की दूरी पर ही गई थी और बस पॉइंट चंद कदमों की दूरी पर था। तभी अचानक पीछे से किसी ने उनके चेहरे पर हाथ फेरा। आरती को लगा कि कोई मजाक कर रहा है। वह कौन है? कौन है? कहती रहीं और पीछे से एक नकाबपोश ने उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर डाल दिया। इसके बाद बदमाश धक्का देकर उनके मासूम बेटे को छीन ले गया। बदमाश के धक्के से आरती सड़क पर गिरकर घायल हो गई थीं। जब तक उठ पातीं बदमाश उनके बेटे को लेकर भाग चुके थे।

तीन दिन से स्कूल नहीं जा रहा था शिवाय—
परिजनो से पता चला है कि कुछ दिन से शिवाय की तबीयत ठीक नहीं थी। वह तीन दिन से स्कूल भी नहीं जा रहा था। बुधवार को रविदास जयंती पर अवकाश था। चार दिन बाद गुरुवार को जब वह अपनी मां का हाथ पकड़कर स्कूल के लिए निकला था। तभी घात लगाए बैठे बदमाशों ने वारदात को अंजाम दे दिया। एक बात साफ है कि अपहरणकर्ताओं के निशाने पर शिवाय ही था क्योंकि कुछ देर पहले इसी घर से दो और बच्चे भी स्कूल के लिए निकले थे लेकिन उनको टारगेट नहीं किया गया था।

शिवाय की मां आरती ने बताया—-
हम स्कूल बस का इंतजार कर रहे थे। तभी पीछे से आकर किसी ने मेरी आंखों और चेहरे पर मिर्च पाउडर डाल दिया। बच्चे को उठाकर बाइक पर बैठा लिया। किडनैपर ने बच्चे को कसकर पकड़ रखा था। मैं बाइक के पीछे भागने के प्रयास में गिर गई। उठकर दोबारा भागीं और मोड़ तक गई लेकिन वहां से बाइक नहीं दिखी।

तीन दिन से बिना नंबर प्लेट की बाइक घूम रही थी— पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि वारदात के तीन दिन पहले से ही इलाके में संदिग्ध गतिविधियां हो रही थीं। आसपास के लोगों ने बताया कि गली में लगातार एक बिना नंबर प्लेट की बाइक घूम रही थी। कभी उस पर एक युवक सवार होता तो कभी दो। दोनों ही हमेशा चेहरे ढके रहते थे। आशंका है कि बदमाशों ने शिवाय को अगवा करने की पहले से ही प्लानिंग की थी। बदमाश उसके स्कूल जाने के रूट की रेकी कर रहे थे।

पुलिस को मिला बदमाशों का ट्रैक—
अपहरण के बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिससे बदमाशों के भागने का ट्रैक सामने आया। जांच में सामने आया कि बदमाश वारदात से पहले कारोबारी के घर की ओर से आए थे और घटना को अंजाम देने के बाद जड़ेरुआ डैम की तरफ भागे। वहां से पदमपुर खेरिया होते हुए सुरो बैहटा और भिंड रोड स्थित लक्ष्मणगढ़ पुलिया तक उनकी बाइक देखी गई। बदमाशों की लास्ट लोकेशन लक्ष्मणगढ़ के आसपास मिली है। लेकिन इसके बाद वे नजर नहीं आए। यहां से दो रास्ते हैं। एक मुरैना की ओर, दूसरा भिंड की तरफ। पुलिस को शक है कि यह मुरैना की किसी संगठित गैंग की करतूत हो सकती है।

सालभर पहले मुरैना में भी हुआ था इसी तरह का प्रयास—
ग्वालियर में हुई अपहरण की इस वारदात का एक साल पहले मुरैना में हुई अपहरण के प्रयास की घटना से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। शिवाय के पिता राहुल के मामा राधेश्याम ने बताया कि एक साल पहले मुरैना में कारोबारी राहुल गुप्ता के साले गौरव उर्फ ढप्पू के छह साल के बेटे का बाइक सवार बदमाशों ने इसी तरह से अपहरण करने का प्रयास किया था। उसे भी स्कूल जाते समय मां की आंख में मिर्च पाउडर फेंक कर छीन लिया था। उस घटना में बाइक पर तीन नकाबपोश बदमाश सवार थे। एक बच्चे को लेकर वह बाइक पर बैठ नहीं पाए और एक बदमाश गिर गया। जिस पर बच्चा छूट कर भागा और एक दुकान में जा घुसा। इसके बाद बदमाश भाग गए थे। तीन से चार दिन व्यापारियों ने वहां हंगामा किया लेकिन एक साल बाद भी उन नकाबपोश बदमाशों में से कोई नहीं पकड़ा गया था।




