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बंधौरा में हुई आगजनी के बाद दिनभर छावनी में तब्दील रहा क्षेत्र, भारी सुरक्षा के बीच मृतकों का हुआ दाह संस्कार

मृतकों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी का आश्वासन

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। शनिवार सुबह जिला मुख्यालय में कल हुई दुर्घटना के दोनों शवों का पोस्टमार्टम भारी सुरक्षा के बीच हुआ। जहां जिला प्रशासन ने पीड़ित परिजनों को मुआवजा हेतु 4 लाख की सहायता राशि और पीड़ित परिवार के एक आश्रित को नौकरी का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। दोपहर बाद दोनों ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया परन्तु क्षेत्र में स्थिति सामान्य करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है। शुक्रवार देर शाम माडा थाना अंतर्गत बंधौरा चौकी के अमिलिया घाटी में कोल परिवहन कर रहे एक ट्रेलर वाहन की चपेट में आने से दो स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद कल देर शाम बंधौरा चौकी क्षेत्र के गड़ाखाड़ चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने वहाँ जमकर बवाल काटा। इस घटना में कुल 9 वाहनों को निशाना बनाया गया। जिसमें 7 वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गए। देर रात मौके पर पहुंची जिले भर की भारी संख्या में पुलिस बल ने मोर्चा संभाला और शनिवार दिन भर यह पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा।

प्रदर्शनकारियों को रोकने में निरीक्षक राका हुए थे घायल, आज भारी पुलिस बल तैनात—
गौरतलब है कि कल शाम घटना के तुरंत बाद वहां मौजूद पुलिस बल को छुपकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। देर रात पहुँची। अतरिक्त पुलिस बल पर भी प्रदर्शनकारी हावी रहे। घटना को रोकने पहुंचे बरगवां निरीक्षक राकेश साहू (राका) वाहन के काफिले से आगे निकल गए थे। जिस कारण प्रदर्शनकारियों ने उनपर हमला बोल दिया था। इसमें उनके बाएं हाथ में फ्रैक्चर आया और स्थानीय व्यक्ति की मदद से उन्हें बचाया जा सका। तब तक पीछे से भारी पुलिस बल भी आ गया था। फिलहाल उनका इलाज अभी जारी है। कल हुई घटना के बाद आज भारी पुलिस बल के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा समेत मोरवा व देवसर एसडीओपी क्षेत्र में बने रहे। वहीं मोरवा निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह, माडा निरीक्षक शिवपूजन मिश्रा, सरई थाना प्रभारी जितेन्द्र भदौरिया, नवानगर थाना प्रभारी डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी, चौकी प्रभारी शासन प्रियंका मिश्रा अपने पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर जमे रहे।

क्षेत्र में हुई थी दो घटनाएं—
शुक्रवार को बंधौरा क्षेत्र में कोल वाहन से जुड़ी 2 घटनाएं सामने आई थी। पहली घटना अमिलिया घाटी से ठीक पहले मोहिन नदी के समीप घटी थी। जिसमें बाइक सवार को बचाने के चक्कर में कोल वाहन सड़क छोड़ पेड़ से जा टकराया था। यह घटना वाहन में लगे कैमरे पर रिकॉर्ड हुई थी। जिसे दूसरी घटना से जोड़कर देखा जाने लगा जबकि दूसरी घटना शाम करीब 3:30 बजे अमिलिया में घटी। जिसमें विपरीत दिशा से आ रहे बाइक क्रमांक MP66ZD0569 में सवार रामसागर प्रजापति उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम सुहिरा एवं रामलालू यादव उम्र 45 वर्ष निवासी अमिलिया की कोल वाहन पलटने से कोयले में दबकर मौत हो गई थी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत से शवों को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया।

परिजनों के बिना शवों को हटाने से पनपा था आक्रोश—
इस दुर्घटना में मृतक दोनों ही व्यक्ति स्थानीय निवासी थे। जिनके परिजनों के बिना शवों को पोस्टमार्टम हेतु ले जाए जाने को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर चक्का जाम कर दिया था।

गड़ाखाड़ तिराहे पर उमड़ी थी भारी भीड़—
बंधौरा के गड़ाखाड़ तिराहे से कुछ ही दूरी पर कल साप्ताहिक बाजार लगा था। जिस कारण लोगों की भीड़ लगी हुई थी। इधर घटना की सूचना मिलते ही लोग आक्रोशित होकर गड़ाखाड़ तिराहे पर पहुंचे। संयोग से उसी समय महान एनर्जीन पावर प्लांट की जनरल शिफ्ट खत्म हुई थी। करीब 6 बजे जैसे ही बसें तिराहे पर पहुंची। लोगों ने उसमें तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान श्रमिकों ने बसों से उतरकर भागने में ही भलाई समझी और देखते ही देखते उग्र भीड़ ने बसों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में 6 बसों को निशाना बनाया गया परंतु कतार में आखिरी खड़ी बस के चालक ने बस को रिवर्स ले जाते हुए जान बचाई। वहीं आगे खड़ी 5 बसें घटनास्थल पर बेकाबू जलने लगी। इसके विपरीत अमिलिया घाटी पर उपस्थित लोगों ने जब यहां का हाल जाना तो करीब 2 सैकड़ा की तादाद में जमा लोगों ने वहां खड़ी 3 कोल वाहनों को निशाना बनाया। जिसमें एक ट्रेलर के तिरपाल में लगी आग को वहां पहुँचे वाहन मालिक ने तिरपाल हटाकर किसी तरह आग पर काबू पाया जबकि अडॉनी कंपनी के लॉजिस्टिक विभाग की दो अन्य कोल वाहन यहाँ पूरी तरह आग की चपेट में आ गई। जो शनिवार दोपहर तक सुलगती रही।

प्लांट की सुरक्षा के लिए भारी बल की हुई थी तैनाती—
करीब दो से ढाई घंटे तक चले इस तांडव के बाद उग्र भीड़ प्लांट परिसर की तरफ बढ़ने लगी। इधर कंपनी प्रबंधन भी पूरे मामले को देखकर सकते में आ गया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को फोन कर घटना की सूचना दी। उन्हें डर था कि कहीं यह उग्र भीड़ कंपनी को आग के हवाले न कर दे। तब तक भारी संख्या में पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और प्लांट को सुरक्षित किया। इसके बाद दमकल विभाग के वाहनों ने जलती हुई बसों और कोल वाहनों की आग पर काबू पाया। देर रात ही घटना में जली बसों को क्रेन की मदद से प्लांट परिसर के अंदर खड़ा करा दिया गया।

दुकान खुली परंतु आज कोल परिवहन रहा बंद—
शनिवार सुबह आम दिनों की तरह ही गड़ाखाड़ की दुकान खुलीं। जिस जगह पर कल देर शाम आग का तांडव देखा जा रहा था। बसों के टायर फटने की आवाज किसी बम धमाके की तरह लोगों के कान फाड़ रही थी। वहां आज सुबह शांति देखी गई। इस पूरे क्षेत्र में लोग आज कुछ भी बताने से कतराते दिखे। घटना के बाद शनिवार को कोल परिवहन पूरी तरह से बंद था। पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा। वहीं प्लांट परिसर में आने वाले तमाम कोल वाहन जहां तहां खड़े रहे।

वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने की उठने लगी मांग—
जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओ में मुख्य कारण चालकों का नशे में होना और वाहनों की रफ्तार प्रमुख रही हैं। कल भी दोनों घटनाओं में वाहनों की तेज रफ्तार और चालकों का नशे/नींद में होना मुख्य कारण रहा। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि कोल वाहनों के बेतहाशा रफ्तार पर लगाम लगाया जाए।।

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