पूर्व मंत्री बोले-भागवत-रामायण का मजाक उड़ाते हैं धीरेंद्र शास्त्री
कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने दी शास्त्रार्थ की चुनौती

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। पूर्व मंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर निशाना साधा है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयानों पर कहा कि वो (धीरेंद्र शास्त्री) सनातन की बात कहां करते हैं? सनातन धर्म के बारे में उनहें कुछ पता है ही नहीं। नायक ने कहा कि वे जिस तरह की भागवत बोल रहे हैं वह बिल्कुल बचकानी है। इसको बुंदेलखंडी में कहा जाता है उचका। उन्होंने कहा कि वे मजमा लगाकर जिस तरीके से वो ग्रंथों की व्याख्या करते हैं, उसे देखकर उन पर हंसी आती है। नायक ने धीरेंद्र शास्त्री को एक मंच पर शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा कि अगर वो उनके सवालों के जवाब दे पाए तो सुर मुंडवाकर राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो धीरेंद्र शास्त्री को सिर मुंडवाना पड़ेगा। मुकेश नायक के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा- मुकेश नायक का ये बयान बेहद शर्मनाक, बेहद निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी उन्हें तत्काल पद से हटाए। मुकेश नायक ने कहा ना तो बागेश्वर वाले वाचा को रामचरितमानस का ज्ञान है, ना भागवत का ज्ञान है, ना वैदिक परंपराओं की समझ है। वैदिक वांग्मय में ऋवेद, सामवेद, अथर्ववेद, स्थापत्य वेद, धनुर्वेद, आयुर्वेद, गंधर्ववेद और उसके साथ शिक्षा, व्याकरण, छंद, न्याय, आरण्यक, ब्रह्मण्य, योग्य, दर्शन, कर्म मीमांसा इतने विषय हैं। क्या उनको इन सबका ज्ञान है? वह कहते भर हैं सनातन धर्म… सनातन धर्म। मुकेश नायक ने कहा अभी कुंभमें लोगों की मृत्यु हो गई। उसका उपहास कर रहे थे कि इनको मोक्ष मिलेगा। तुम आ जाओ तुम्हारे पिताजी को धकेल कर मोक्ष दे देते हैं। लोगों की सहायता करने की बजाय आप उनका मजाक उड़ा रहे हो। इनको कोई ज्ञान नहीं है। आज के समय में जो धर्म का अंधानुकरण है। ये धर्म के अंधेपन के मूर्त रूप हैं। कांग्रेस नेता ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा कि मैं पूर्ण राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मौलिक रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। वो मंच लगा लें रामचरित मानस पर, भागवत, गीता, पूरे वैदिक वाङ्मय पर। जिस पर भी चर्चा करना हो। अगर मेरे प्रश्नों का उन्होंने जवाब दिया तो उसी मंच पर अपना सिर मुंडवाकर मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। नहीं तो उनको अपना मुंडन करवाना पड़ेगा। राजनीतिक क्षेत्र में जो अध्यात्म की आड़ लेकर बक बक कर रहे हैं, उसको उन्हें छोड़ना पड़ेगा। कांग्रेस नेताओं के बागेश्वर धाम जाने के सवाल पर मुकेश नायक ने कहा कि नेता इतना दया का पात्र है कि वो जीसे ही देखता है कि किसी व्यक्ति के पास भीड़-भाड़ लग रही है। तो उसको लगता है ये हमारे वोट हैं। सच कहने की क्षमता उसकी खत्म हो जाती है। उस भीड़ का वो उपयोग करना चाहता है।