
ऑपरेशन टाईम्स सीधी।। जिले के विभिन्न गांव के निवासी रोजगार की तलाश में मजदूरी करने आंध्रप्रदेश के अनंतपुर गांव गए हुए थे। जहां कई दिनों तक सडक़ निर्माण कार्य में मजदूरी किए। उसके बाद संविदाकार उनके मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। श्रमिको द्वारा वीडियो बनाकर वायरल की गई है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि हम लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है। मजदूरी न मिलने के कारण खाने पीने के लाले पड़े हुए हैं। वहीं घर तक आने के लिए किराए तक के रुपए नहीं बचे हुए हैं। जिससे वे यहां तड़पते हुए जीवन का गुजर बसर करने को मजबूर हैं। वीडियो वायरल कर जिले के जनप्रति व प्रशासन से मदद की गुहार लगाई गई है। आंध्रप्रदेश में जितने भी मजदूर फंसे हुए हैं। वे सभी गोड जनजाति से मिलान करते हैं। जो एक दूसरे के रिश्तेदार व पारिवारिक सदस्य हैं। ये श्रमिक एक एजेंट के कहने पर ईश्वर नंदा इंफला कंपनी आंध्रप्रदेश में मजदूरी करने गए हुए हैं। जो सडक़ निर्माण कार्य में मजदूरी किए। अब मजदूरी भुगतान को तरस रहे हैं।
दो माह पूर्व मजदूरी करने गए थे आंध्रप्रदेश—
बताया गया कि जिले से श्रमिक विगत दो माह पूर्व मजदूरी करने के लिए आंध्रप्रदेश गए थे। जहां दो माह तक मजदूरी किए। किंतु उन्हें एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया। प्रारंभ में उन्हें एक कैंप में रखकर भोजन पकाने के लिए खाद्यान्न दिया जाता था। किंतु वर्तमान में खाद्यान्न देना भी बंद कर दिया गया है। रुपए न होने के कारण वे बाजार से न तो खाद्यान्न खरीद पा रहे हैं और नहीं घर वापस लौट पा रहे हैं।
ये है पीड़ितों मे शामिल—
जिन 20 श्रमिकों को बंधक बनाया गया है। उसमें से ज्यादातर लोग बहरी थाना अंतर्गत विभिन्न गांवो के रहवासी हैं। जिसमें रामकृपाल सिंह निवासी कुनझुन, संतबहादुर सिंह निवासी पैगमा, राजराखन सिंह निवासी पैगमा, ललन सिंह निवासी ओदरा, वंशबहादुर सिंह निवासी ओदरा, दिग्विजय सिंह निवासी पोखरा, अमर सिंह निवासी पोखरा, नोखेलाल सिंह निवासी पोखरा, दानबहादुर सिंह निवासी पोखरा, धर्मराज सिंह निवासी पोखरा, सुरेंद्र सिंह निवासी करौदिया, शिवप्रसाद सिंह निवासी करौदिया, लोकमान सिंह निवासी करौदिया, लंगलाल सिंह निवासी तेंदुहा, राजेश सिंह निवासी तेंदुहा, जयलाल सिंह निवासी खमरिया, राहुल सिंह निवासी मजिगवां, शिवकुमार सिंह निवासी गेरुआ सहित अन्य शामिल हैं।
इनका कहना है—
दिसंबर महीने में जिले के कुछ श्रमिक मजदूरी के लिए आंध्रप्रदेश गए हुए थे। जिनकी वीडियो मिलने के बाद श्रम अधिकारी को नोडल बनाया गया। जिनकी बात श्रमिकों से हो चुकी है। जनवरी व फरवरी के मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। संविदाकार से भी बात हुई है। जो तीन दिन के अंदर भुगतान करने को कहा गया है। जो श्रमिक घर वापस आना चाहते हैं। उन्हे घर तक लाने के लिए प्रशासन पूरी मदद करने को तैयार है।
स्वरोचिष सोमवंशी
कलेक्टर सीधी