चिकन पार्टी के दौरान उपजे विवाद ने ली दोस्त की जान, हत्या का आरोपी दोस्त गिरफ्तार
जयंत चौकी अंतर्गत शैलो बस्ती में मिले शव मामले का पुलिस ने किया खुलासा, साथी ने ही वारदात को दिया था अंजाम

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जयंत चौकी अंतर्गत शैलो बस्ती में 11 मार्च को मिले शव मामले का पुलिस ने गुरूवार को खुलासा कर दिया। मुर्गा पार्टी में हुए विवाद के बाद साथी ने ही लाठी से पीट-पीटकर मृतक बीरेंद्र भारती की हत्या की थी। जयंत चौकी पुलिस ने उसे शक्तिनगर बस स्टैंड से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। आरोपी शाह हुसैन उर्फ बड़कू पिता गफूर उम्र 43 वर्ष निवासी किरवानी थाना म्योरपुर अस्थाई निवासी शैलो बस्ती जयंत ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि मृतक व उसके बीच पार्टी के दौरान चिकन कम होने पर विवाद हो गया। आपस में मारपीट होने लगी। इसी बीच मेरे हाथ में लाठी आ गई। तो मैंने लाठी से एक के बाद एक कई प्रहार कर दिये। बीरेंद्र भारती के निढाल होने के बाद मैं वहां से फरार हो गया। पुलिस उसके विरुद्ध बीएनएस की धारा-194 के तहत कार्रवाई पूरी कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
रिश्तेदार ने कराई थी एफआईआर—
तारावती भारती ने 12 मार्च को जयंत चौकी आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि शैलो बस्ती जयंत में मेरे भतीजे बीरेंद्र भारती का शव पड़ा हुआ है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पीएम के लिए भेजा था। मृतक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। जिससे प्रथमदृष्टया हत्या का मामला दिख रहा था। इसलिए एफएसएल टीम को बुलाकर जांच कराई गई। डॉक्टर ने अपनी शार्ट पीएम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने के कारण मौत होना बताया था। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के वविरुद्ध बीएनएस की धारा-194 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया था।
पड़ताल में आरोपी का नाम आया था सामने—-
जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी शाह हुसैन और बीरेंद्र भारती म्योरपुर के रहने वाले थे। शाह हुसैन ने 11 मार्च को चौकी आकर बताया भी था कि उसका बीरेंद्र भारती के साथ विवाद हुआ था। मृतक ने उसके साथ मारपीट की है लेकिन पुलिस ने उसके आवेदन को लेकर रख लिया था। दूसरे दिन सूचना मिली कि शैलो बस्ती में शव मिला है। इसके बाद यह पुख्ता हो गया था कि शाह हुसैन के द्वारा ही यह घटना कारित की गई है। जब उसकी तलाश की गई तो वह गायब मिला।
काफी खोजबीन के बाद लगा हाथ—-
चौकी प्रभारी सुधाकर सिंह परिहार ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि काफी खोजबीन के बाद आरोपी हाथ लगा। उससे जब पूछताछ शुरू हुई तो उसने बताया कि मृतक मुझे 5 सौ रुपये मुर्गा बनाने के लिए दिया था लेकिन हमने मुर्गा बनाकर स्वयं खा लिया था। जब बीरेंद्र आया तो झगड़ा करने लगा था। वह जब मारपीट करने लगा तो हमने लाठी उठाकर दे मारा। जिसके बाद वह निढाल होकर गिर पड़ा था। इसके बाद झगड़े की सूचना देने के लिए चौकी चला गया था। बाद में हमने देखा तो वह मर चुका था। इसके बाद फरार हो गया था।
मामले के खुलासे में ये रहे शामिल—-
हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम में विंध्यनगर थाना प्रभारी निरीक्षक अर्चना द्विवेदी, जयंत चौकी प्रभारी उनि सुधाकर सिंह परिहार, सउनि राजवर्धन सिंह, श्याम बिहारी द्विवेदी, राजेश द्विवेदी, रवि गोस्वामी, उत्तम सिंह, प्रधान आरक्षक सिरदेलाल उइके, सुनील मिश्रा, कुनाल सिंह, बीरेंद्र पटेल, आरक्षक महेश पटेल, अशोक सिंह, जीवन सिंह, सुरेंद्र यादव व सैनिक कुंज बिहारी शामिल थे।।