
ऑपरेशन टाईम्स मऊगंज।। मध्यप्रदेश के मऊगंज में हुए बवाल के बाद हालात अब भी सामान्य नहीं हो सकें हैं। जिले के शाहपुरा थान क्षेत्र के गड़रा गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। एएसआई और युवक की मौत समेत घायल पुलिसकर्मियों के मामले में पुलिस की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। अब पुलिस ने बवाल में शामिल 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) रसना ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने अब तक 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है, उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। मामले में कुछ और लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। एसपी रसना ठाकुर ने कहा कि 15 मार्च की रात गड़रा गांव में हालात खराब थे। बंधक बनाए गए युवक को छुड़ाने गई टीम में शामिल महिला एसडीओपी (सब-डिविजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस) को बंधक ग्रामीणों ने उन्हें बना लिया था। वे उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे। पेट्रोल और डीजल डालकर घर को आग लगाने की बात कहकर उन पर पकड़े गए लोगों छोड़ने के लिए दबाव बना रहे थे। हालांकि, पुलिस की टीम ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला लिया था। एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पीड़ित परिवार की राइफल भी बरामद की है। बंधक बेटे को छुड़ाने गए परिवार से आरोपियों ने यह राइफल छीन ली थी।
क्या है मामला……?
जानकारी के अनुसार बीते शनिवार को गड़रा गांव में आदिवासी गुट के लोगों ने सनी द्विवेदी को बंधक बना लिया था। सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर रवाना हुई लेकिन तब तक सनी की हत्या कर दी गई। पुलिस टीम को देखते ही आदिवासी गुट के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को घेर लिया। हमले में घायल एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई थी। साथ ही थाना प्रभारी संदीप भारती, तहसीलदार कुमारे लाल पनिका, एएसआई जवाहर सिंह यादव और बृहस्पति पटेल समेत अन्य पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे।