अब जस्टिस वर्मा के आवास के बाहर मिले अधजले नोट
तुगलक रोड पर सुबह सफाई करने पहुंची थी NDMC की टीम

ऑपरेशन टाईम्स दिल्ली।। हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर कथित कैश कांड में मामले में जांच तेज हो गई है। इस बीच उनके घर के बाहर से जले नोटों के बंडल की तस्वीरें सामने आई हैं। मलबा भी जला पड़ा मिला है। इसमें जले नोट भी देखने को मिले हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड में अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। सीजेआई ने जस्टिस वर्मा के आवास परिसर में आग की घटना और फिर कैश कांड को लेकर जांच बिठाई है। तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बातों को भी साझा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के घर के अंदर का वीडियो जारी किया है। इसमें चार से पांच बोरियों में अधजले नोट दिख रहे हैं। हालांकि जस्टिस वर्मा ने अपनी लंबी चौड़ी सफाई दी है और आरोपों को साजिश बताया है।
अब घर के बाहर मिले नोट के अवशेष—
जस्टिस वर्मा का आवास लुटियंस दिल्ली के तुगलक रोड पर है। इस आवास में 14 मार्च को जब आग लगी तो फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम पहुंची थी। घर के अंदर जिस स्टोर रूम में आग लगी थी। वहां अधिकारी पहुंचे तो हैरान रह गए क्योंकि वहां बोरियों में नोटों के बंडल देखे गए थे। इनमें कुछ नोट जल गए थे। रविवार को जब NDMC की टीम इस इलाके में सफाई करने पहुंची तो जस्टिस वर्मा के आवास के बाहर जले नोट के अवशेष मिले हैं। विजुअल में साफ देखा गया कि मलबे में 500 रुपए के जले नोट भी अवशेष के तौर पर पड़े थे।
फायर ब्रिगेड के प्रमुख ने क्या कहा था—?
रविवार को सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी जांच के सिलसिले में भीकाजी कामा प्लेस स्थित दिल्ली फायर सर्विस स्टेशन पहुंचे। यहां दिल्ली फायर ब्रिगेड के प्रमुख अतुल गर्ग का आवास है। दो दिन पहले अतुल का बयान चर्चा में आया था। उन्होंने दावा किया था कि जस्टिस वर्मा के आवास पर अग्निशमन कर्मियों को कोई कैश नहीं मिला। गर्ग का कहना था कि 14 मार्च की रात 11.35 बजे कंट्रोल रूम को वर्मा के आवास पर आग लगने की सूचना मिली और दो दमकल गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया। रात 11.43 बजे दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग स्टेशनरी और घरेलू सामान से भरे एक स्टोर रूम में लगी थी। आग पर काबू पाने में 15 मिनट लगे। कोई हताहत नहीं हुआ। आग बुझाने के तुरंत बाद हमने पुलिस को आग की घटना की सूचना दी। उसके बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों की टीम मौके से चली गई। हमारे कर्मियों को आग बुझाने के दौरान कोई नकदी नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक किया पूरा मामला—
उसके बाद शनिवार देर रात सुप्रीम कोर्ट ने जले नोटों की तस्वीरें और पूरे मामले को सार्वजनिक किया है। SC ने अपनी वेबसाइट पर जस्टिस वर्मा के घर पर कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने की इन-हाउस जांच रिपोर्ट अपलोड की। जिसमें फोटो और वीडियो भी शामिल हैं। 25 पन्नों की रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की गई है कि जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य ना सौंपा जाए। इस रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा का जवाब भी शामिल किया गया है। जस्टिस वर्मा ने आरोपों को खारिज किया और कहा स्टोर रूम में मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य द्वारा कभी कोई नकदी नहीं रखी गई और मैं इस बात की कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा घर पर नकदी मिलने के आरोप स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश लग रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में आधिकारिक कम्युनिकेशन से संबंधित सामग्री भी शामिल है। जिसमें कहा गया है कि भारतीय मुद्रा के चार से पांच अधजले बंडल पाए गए हैं। CJ उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मेरी प्रथम दृष्टया राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की जरूरत है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव—
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव आया है। इस पर विवाद भी होने लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा क्या यह धारणा जो सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा दी जा रही है। उस पर आम जनता विश्वास कर रही है। यह सवाल है। जिस तरह से मामले को निपटाया जा रहा है। उससे जनता का विश्वास डगमगा रहा है। एक बार जनता का विश्वास खत्म हो गया तो पूरा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। जिस तरह से कार्यवाही चल रही थी। उससे आम जनता के मन में संदेह पैदा होता है।।