रीवा में नाबालिग की आत्महत्याः पुलिसकर्मी पर ब्लैकमेलिंग का आरोप, परिजनों ने किया उग्र प्रदर्शन

ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। रीवा जिले के जवा थाना क्षेत्र के कुशमेदा गांव में 15 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि जवा थाने में पदस्थ एक पुलिसकर्मी ने ब्लैकमेल और बदनामी की धमकी दी थी। जिससे आहत होकर किशोरी ने यह कठोर कदम उठाया। घटना शनिवार को घटी लेकिन जब परिजनों को पूरी जानकारी मिली। तो उन्होंने रविवार को आक्रोश जताते हुए अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। तीन घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। परिजनों के अनुसार 21 मार्च को किशोरी 10वीं की परीक्षा देकर लौट रही थी। इस दौरान वह जवा थाने के पास अपने एक सहपाठी के साथ सेल्फी ले रही थी। तभी मौके पर मौजूद जवा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी शिवेंद्र मिश्रा ने उन्हें रोक लिया और पूछताछ करने लगा। इसके बाद वह दोनों को पकड़कर जबरन थाने ले गया। परिजनों का कहना है कि थाने में ले जाकर पुलिसकर्मी ने किशोरी और उसके दोस्त को धमकाया और कहा कि उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। इतना ही नहीं गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में उनकी तस्वीरें साझा कर दीं। पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने परिजनों से पैसे की भी मांग की। देर शाम तक किशोरी और उसके दोस्त को थाने में बैठाए रखा गया। किसी तरह परिजन दोनों को छुड़ाकर घर ले आए लेकिन इस घटना के बाद किशोरी मानसिक रूप से टूट गई और सदमे में चली गई। परिजनों के अनुसार किशोरी इस घटना के बाद से गुमसुम रहने लगी और डिप्रेशन में चली गई। उसे समाज में बदनामी का डर सता रहा था। पुलिसकर्मी की धमकी और ब्लैकमेलिंग से वह इतनी आहत हुई कि उसने शनिवार को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद परिजन और स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए। शनिवार शाम से ही गांव में गुस्से का माहौल था। रविवार दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक परिजनों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी। प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग थी कि दोषी पुलिसकर्मी शिवेंद्र मिश्रा को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए। मामले को बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आया। एसडीओपी उदित मिश्रा और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और परिजनों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। परिजनों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें पुलिसकर्मी शिवेंद्र मिश्रा का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया। पुलिस ने किशोरी के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। एसडीओपी उदित मिश्रा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना ने पूरे इलाके में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की जिम्मेदारी नागरिकों की सुरक्षा करना है लेकिन अगर वही पुलिस ब्लैकमेल और धमकी देने लगे तो आम जनता कानून पर कैसे भरोसा करे।।