सिंगरौली

जिला प्रशासन ने किया दावा-बंधा कोल ब्लॉक परियोजना में हो रहा सभी प्रक्रियाओं का पालन

खबरों में उठाए गए बिंदुओं में से कुछ पर स्पष्ट की वस्तुस्थिति, खातेदारों द्वारा निर्धारित फार्म में सहमति देने कही बात

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। बंधा कोल ब्लॉक परियोजना को लेकर हो रहे भूअर्जन पर प्रशासन ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सभी प्रक्रियाओं के पालन का दावा किया है। रविवार को 2 पेज में बिंदुवार पक्ष रखते हुए कहा कि कंपनी द्वारा धारा 12 के तहत सर्वेक्षित परिसंपत्तियों का ड्रोन से लिए गए फोटोग्राफ्स के आधार पर आपत्तियां प्रस्तुत की गई हैं, जिसकी जांच तहसीलदार के नेतृत्व में दल गठित कर मौके पर सत्यापन कराया जा रहा है। बगैर सहमति लिए भूअर्जन प्रक्रिया करने के सवाल पर दावा किया कि बंधा कोल ब्लॉक परियोजना से प्रभावित देवरी, पिड़रवाह, बंधा, तेंदुहा के प्रभावित ग्रामीणों में से 80 प्रतिशत की सहमति लेने में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है। तथ्य यह है कि प्रभावित खातेदारों द्वारा निर्धारित फार्म में सहमति देने के बाद तहसीलदार द्वारा 80 प्रतिशत सहमति का पत्र प्रस्तुत किया गया था। उसी के आधार पर सामाजिक समाघात अध्ययन की कार्यवाही कर धारा 11 के तहत अधिसूचना का प्रकाशन किया गया था। फिर धारा 16, 17, 18 के तहत प्रभावित ग्रामों में जाकर जनसुनवाई की गई। जनसुनवाई के बाद पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक में अनुमोदन लेकर पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति तैयार कर आयुक्त रीवा संभाग से अनुमोदित कराया गया। इसके बाद धारा 189 के तहत अधिसूचना प्रकाशित कराई गई। कहा है कि धारा 20 के तहत परिसंपत्तियों का सर्वे कराया गया था, जिसका मूल्यांकन धारा 20 के तहत किया जाना होता है। अब तहसीलदार के नेतृत्व में गठित दलों द्वारा परिसंपत्तियों का सत्यापन हो रहा है। मौके के सत्यापन के आधार पर यदि उक्त परिसंपत्तियां भू- अधिनियम 2013 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार पात्रता में आएंगी तो धारा 21 व 22 के तहत जारी होने वाली लोक सूचना की नोटिस में शामिल कर सूचना दी जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को आपत्ति होगी तो वह उसे लोक सूचना की नोटिस प्राप्त होने के बाद पेश कर सकता है।

धारा 21-22 के तहत नोटिस हो रही जारी, आपत्ति पेश करें—
प्रशासन का कहना है कि बंधा कोल ब्लॉक में कुल पांच ग्राम पचौर, पिड़रवाह, तेंदुहा, देवरी और बंधा की आंशिक भूमियां आती हैं। ग्राम बंधा में धारा 21-22 के तहत नोटिस जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भूअर्जन कार्यवाही अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की आपत्ति है तो वह उसे भूअर्जन कार्यालय में पेश कर सकता है।

धारा-4 की कार्यवाही शुरू होते ही बाहरी लोग बनाने लगे नए मकान—
सर्वे और मूल्यांकन तक मकान वैध थे, अब अवैध हो गए के बिंदु पर प्रशासन ने कहा कि 80 प्रतिशत ग्रामीणों की सहमति बाद जैसे ही धारा 4 की कार्यवाही शुरू की गई। काफी संख्या में बाहरी व्यक्तियों द्वारा नए मकानों का निर्माण किया गया। कंपनी प्रबंधन के आपत्ति पेश करने पर उसकी जांच कराकर पात्र व्यक्तियों की परिसंपत्तियों को अवार्ड में शामिल किया जाएगा। जिन लोगों द्वारा मुआवजे के उद्देश्य से अमानक स्तर की परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया है यदि वे अधिनियम के प्रावधानों के प्रतिकूल हैं तो उन्हें अवार्ड से अलग रखा जाएगा।

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