सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सेनाओं का मनोबल न गिराए, पहलगाम अटैक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इंकार

ब्यूरो रिपोर्ट नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर करने वाले वकीलों की कड़ी आलोचना की है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। जस्टिस सूर्यकांत व एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि जिम्मेदार बनो। देश के प्रति तुम्हारा कुछ कर्तव्य है। क्या यही तरीका है। कृपया ऐसा मत करो। कब से एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ऐसे मुद्दों आतंकवाद की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गए हैं। हम किसी भी बात पर विचार नहीं कर रहे हैं। कृपया आप जहां जाना चाहते हैं। वहां जाएं। जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा कि यह वह महत्वपूर्ण समय है। जब इस देश का हर नागरिक आतंकवाद से लडने के लिए हाथ मिला रहा है। ऐसी कोई प्रार्थना न करें। जिससे किसी व्यक्ति का मनोबल गिरे। मामले की संवेदनशीलता को देखें। कुछ देर बहस करने के बाद वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। जम्मू-कश्मीर के तीन निवासियों द्वारा दायर याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से केंद्र सरकार को आतंकवादी हमले पर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष जांच दल बनाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया। याचिकाकर्ताओं में फतेह कुमार शाहू, मोहम्मद जुनैद व विक्की कुमार ने केंद्र, जम्मू-काश्मीर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व राष्ट्रीय जांच एजेंसी को केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटक क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश देने की मांग की।