सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को लगाई फटकार
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान के बाद हुई एफआईआर

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने पर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के स्त्रत संज्ञान लेने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बाद शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बुधवार रात जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद इंदौर के महू तहसील के मागपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उनपर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 152, 196(1) (बी) और 197 (1) (सी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इन धाराओं के तहत अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार लगाई—
मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशो पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने उन्हें कानूनी और राजनीतिक संकट में डाल दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शाह को गुरुवार को कड़ी फटकार मिली। अदालत ने जबलपुर हाईकोर्ट के एफआईआर के आदेश पर रोक लगने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सखा लहजे में कहा आपके मुवक्किल मुवक्किल ने किस तरह का बयान दिया है? वह संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति हैं। उन्हें जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। आप मंत्री होकर किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश के मौजूदा हालात में उन्हें और अधिक जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी। हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई स्वीकार कर ली है लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।
किस बात पर हुआ विवाद—
यह विवाद 12 को इंदौर जिले के मानपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान शुरू हुआ। यहां विजय शाह ने मंच से भारतीय सेना की कर्नल सोफिया क्रैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। शाह ने कहा जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर छीना हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी हालत खराब कर दी। इस बगान का तोडियो वायरल होने के बाद इसपर बवाल मच गया।जबलपुर हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने बुधवार को इस मामले का स्वत- संज्ञान लिया। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डित्रीजन बेंच ने शाह के बयान को गटर की भाषा करार देते हुए इसे देश की एकता, अखंडता और सेना की गरिमा के खिलाफ बताया। कोर्ट ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को चार घंटे के भीतर शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जिसके बाद बुधवार रात उनपर एफआईआर दर्ज की गई है।
गिरफ्तारी के लिए जगह जगह तलाशी कर रही पुलिस—
हाइकोर्ट के उक्त आदेश के बाद आरोपी मंत्री विजय शाह के खिलाफ मानपुर थाने में एफआईआर तो दर्ज की गई लेकिन न तो विजय शाह ने अपने मंत्रिपद से इस्तीफा दिय और न हीं नध्यप्रदेश के। के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की कार्रवाई की। उधर आरोपी मंत्री विजय शाह ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश संगठन को इस्तीफा देने से साफ इन्कार करते कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मन्त्री अमित शाह से बात करने के बाद इस विषय पर कोई फैसला करेंगे। इसके पश्चात विजय शाह भेपाल से प्रस्थान कर अपने विधानसभा क्षेत्र हरसूद के एक रेस्ट हाउस में पहुंचे जहां रात्रि विश्राम के पश्चात अल सुबह अन्यत्र प्रस्थान कर गए अब मानपुर थाना पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जगह जगह ढूंढ रही है। हालांकि गायत्र होने के पहले आरोपी मंत्री उनसे मिलने रेस्ट हाउस पहुंचे उनके समर्थकों को अपने पक्ष में सोशल साइट्स पर पोस्टों और विडियो के जरिए कैम्पेन चलाने का निर्देश दे गये वहीं हाइकोर्ट के आदेश पर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी भी कर उनकी और से एओआर शंतनु कृष्णा ने सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते याचिका दायर कर उस पर जल्द सुनवई की मांग भी कर दी है। जहां तक आरोपी मत्री वेजय शाह को मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने अथवा पार्टी संगठन द्वार उनसे इस्तीफा लेने की बात है इस मामले में बताया जा रहा है कि आरोपी मंत्री विजय शाह मुख्यमंत्री और पर्टी संग्ठन दोनों पर ही आदिवासी सेना बनाकर पार्टी के खलिाफ विद्रोह करने की धमकी देते लगातार दबाव बना रहे हैं और इस हेतु आरोपी मंत्री ने अपने समर्थक नेताओं के जरिए भी पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री तक अपनी बात धमकाते हुए पहुंचा दी है। वहीं शायद पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री उनके आदिवासी क्षेत्रों में प्रभाव से चिंतित उनके खिलाफ इस्तीफे या बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।