
ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। सिंगरौली पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान के दौरान 1 फरवरी से 28 फरवरी, 2025 तक कुल 46 गुमशुदा बच्चो (17 बालक और 33 बालिकाएं) को मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से खोजकर उनके परिवारों से सुरक्षित मिलाया गया। यह अभियान न केवल गुमशुदा बच्चों को उनके घर पहुंचाने में सफल रहा बल्कि कई परिवारों में खुशहाली भी लौटा दी। पुलिस अधीक्षक सिंगरौली मनीष खत्री के निर्देशानुसार जिले के सभी थाना प्रभारियों को गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए एक विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए गए। इसके तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शिवकुमार वर्मा और अन्य अनुविभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और साइबर सेल की मदद से खोज अभियान को तेज किया। सिंगरौली जिले के विभिन्न थानों में दर्ज गुमशुदगी के मामलों की जांच करते हुए वैढ़न थाना 9 बच्चे, विंध्यनगर थाना- 2 बच्चे, मोरवा थाना 7 बच्चे, बरगवां थाना- 4 बच्चे, माड़ा थाना 4 बच्चे, जियावन थाना 4 बच्चे, सरई थाना 10 बच्चे, चितरंगी थाना 4 बच्चे, गढ़वा थाना-2 बच्चों को पुलिस ने खोज निकाला है। इस अभियान की सफलता ने न केवल गुमशुदा बच्चों के परिवारों को राहत दी बल्कि समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को भी मजबूत किया है। पुलिस अधीक्षक श्री मनीष खत्री ने बताया कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा ताकि हर गुमशुदा बच्चे को उसके परिवार से सुरक्षित मिलाया जा सके। उन्होंने जनता से भी सहयोग की अपील की है ताकि गुमशुदा बच्चों की जानकारी तुरंत पुलिस तक पहुंचाई जा सके। पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने उत्कृष्ट योगदान देने वाली साइबर पुलिस टीम तथा इस ऑपरेशन में कार्यरत पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया ताकि उनका मनोबल और उत्साह बना रहे। सिंगरौली पुलिस ने इस अभियान को और व्यापक बनाने की योजना बनाई है। आने वाले दिनों में साइबर सेल और स्थानीय मुखबिरों के नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही जनता को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। सिंगरौली पुलिस की यह सफलता न केवल एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि यह समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। ऑपरेशन मुस्कान के माध्यम से पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में किए गए प्रयासों से बड़े से बड़े लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं।