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उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला :- नाबालिग आतंकी को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वयस्क मानकर जुवेनाइल कोर्ट में ही चलेगा मुकदमा


नाबालिग आतंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज—
दरअसल ट्रेन ब्लास्ट के तार ISIS से जुड़े होने पर NIA ने जांच शुरू की थी। एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी के बेंच की टिप्पणी– वर्तमान मामले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और NIA अधिनियम 2008 दोनों ही लागू हैं लेकिन जुवेनाइल जस्टिस एक्ट किसी भी अन्य कानून पर अधिक प्रभावी है। शाजापुर ट्रेन ब्लास्ट मामले में NIA ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने आरोपी नाबालिग आतंकी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम—
नाबालिग आतंकी के खिलाफ NIA ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 122, 307, 326, 324, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4, रेलवे अधिनियम की धारा 150, 151, सार्वजनिक संपत्ति (रोकथाम) अधिनियम की धारा 4 और गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम की धारा 16 (बी), 18, 25, 38 और 39 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।।