सुहागिन महिलाएं विधवा बनकर ले रही थीं पेंशन, 61 महिलाओं ने उठाया लाभ, अब कार्रवाई की तैयारी

लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बरेली जिले के आंवला तहसील क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां 61 सुहागिन महिलाओं ने पिछले छह वर्षों से विधवा पेंशन योजना का लाभ उठाया। इन महिलाओं में कई एक ही परिवार की सदस्य हैं। मामला सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और अब अपात्र महिलाओं से पेंशन की वसूली की जा रही है। बीते 6 वर्षों से ले रही थीं पेंशन भीमपुर गांव की परवीन और सुनीता जो जेठानी-देवरानी हैं और दोनों के पति जीवित हैं। बीते छह वर्षों से विधवा पेंशन प्राप्त कर रही थीं। दोनों को 69-69 हजार रुपये की रिकवरी नोटिस (आरसी) जारी की गई है। परवीन का कहना है कि कुछ दलालों ने उनसे तीन हजार रुपये लेकर जरूरी दस्तावेज लिए और पेंशन बनवा दी। पेंशन की पहली किस्त की राशि भी दलालों ने ही ले ली थी। 46 अपात्र महिलाओं की आरसी की जारी जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) मोनिका राणा ने मीडिया को बताया कि अब तक 46 अपात्र महिलाओं के खिलाफ आरसी जारी की गई है। जिनमें से 26 से वसूली भी हो चुकी है। डीपीओ ने बताया कि उन्होंने 15 मई को जिलाधिकारी को पत्र भेजा था। जिसके आधार पर तहसीलदार आंवला को रिकवरी का निर्देश दिया गया। हालांकि विभाग इस मामले पर अधिक जानकारी देने से बच रहा है। 2 साल पहले भी हुआ था घोटाला बता दें कि वर्ष 2023 में भी आंवला तहसील की 34 महिलाओं को ऐसे ही पेंशन घोटाले में अपात्र पाया गया था। अब तक कुल 61 महिलाओं से 23.86 लाख रुपये की पेंशन राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गांव के प्रधान श्रीपाल सिंह ने मीडिया को बताया कि भीमपुर की परवीन और सुनीता की पेंशन किसी अन्य ब्लॉक से बनी है जबकि उनके गांव की लिस्ट में उनके नाम नहीं हैं। इससे साफ है कि पेंशन योजना में बिचौलियों की बड़ी भूमिका रही है और विभागीय लापरवाही के चलते अपात्रों को करोड़ों रुपये की पेंशन जारी की गई।।