कैबिनेट : मर्ज होंगे राजस्व आयुक्त और भू-अभिलेख आयुक्त कार्यालय
राजस्व के 513 पद सरेंडर, 2100 पद धीरे-धीरे खत्म होंगे... 1291 नए पद

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। राजस्व विभाग में नक्शानवीस, सर्वेयर और कृषि सांख्यिकी अधिकारी जैसे पद अब इतिहास बनने जा रहे हैं। मंगलवार को पचमढ़ी में हुई कैबिनेट बैठक में इन सभी पदों को डाइंग कैडर घोषित किया गया। मतलब है कि भविष्य में इनकी कोई नई भर्ती नहीं होगी। फिलहाल विभाग में ऐसे 513 पद हैं, जिन्हें खत्म किया जाएगा। वहीं, 2100 पदों को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा। इससे सरकार के सरकार के 22 करोड़ रुपए सालाना बचेंगे। अब इनकी जगह आईटी में दक्ष कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात किए जाएंगे। इसके लिए तहसीलों में 1291 नए पदों का सृजन किया गया है। साथ ही भू-अभिलेख अधीक्षक (एसएलआर) और सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक (एएसएलआर) के पद भी समाप्त किए जाएंगे। मौजूदा अधिकारियों को क्रमशः तहसीलदार और नायब तहसीलदार बना दिया जाएगा। इधर, इस कैबिनेट में भी विवादित बयान देने वाले जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह शामिल नहीं हुए।
मप्र पहला ऐसा राज्य, जहां तहसीलदार कार्यपालिक व न्यायिक दोनों काम देखेंगे—-
कैबिनेट ने मप्र को देश का पहला ऐसा राज्य बना दिया है। जहां तहसीलदार की भूमिका दो हिस्सों में बांटी जाएगी-कार्यपालिक और न्यायिक। इसके तहत ग्वालियर स्थित भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त आयुक्त और भोपाल स्थित प्रमुख राजस्व आयुक्त के कार्यालयों को मर्ज कर नया आयुक्त भू-संसाधन प्रबंधन कार्यालय बनाया जाएगा। एसएलआर और एएसएलआर को तहसीलदार नायब तहसीलदार से मर्ज करने से 1000 अतिरिक्त राजस्व अधिकारी उपलब्ध होंगे। इन्हें गैर-न्यायिक कार्य जैसे प्रोटोकॉल सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
सभी फैक्ट्रियों में हड़ताल-तालाबंदी से पहले अब लिखित नोटिस होगा जरूरी—-
कैबिनेट में तीन श्रम कानूनों में बदलाव किया गया। ठेका श्रम अधिनियम (1970) के तहत ठेका श्रमिकों की सीमा 20 से बढ़ाकर 50 की गई। कारखाना अधिनियम (1948) के तहत बिजली से चलने वाली इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों की सीमा 10 से 20 की गई जबकि बिना बिजली वाली यूनिट्स में यह सीमा 20 से 40 की गई। औद्योगिक विवाद अधिनियम (1947) के तहत सभी फैक्ट्रियों को हड़ताल/तालाबंदी से पहले नोटिस देना होगा।
इंदौर में 1500 करोड़ का एग्रीटेक इनोवेशन हब—
कैबिनेट ने इंदौर में 1500 करोड़ रुपए की लागत से एग्रीटेक इनोवेशन हब स्थापना को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट केंद्र की मदद से आईआईटी इंदौर व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के सहयोग से बनेगा। मप्र सरकार 2 करोड़ देगी और राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम भी भागीदार रहेगा।
नर्मदापुरम में बनेगा मंडी लॉजिस्टिक पार्क—- कैबिनेट ने नर्मदापुरम में मंडी लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण को मंजूरी दी है। इसके तहत 2011 में केसर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक लिमिटेड और मप्र मंडी बोर्ड के बीच हुए एग्रीमेंट के क्लॉज-52 में संशोधन किया गया है। अब डीपी वर्ल्ड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड को 100% शेयर ट्रांसफर की अनुमति दी गई है।
अब ‘राजा भभूत सिंह’ के नाम पर पचमढ़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी … पचमढ़ी वन्यजीव—-
अभयारण्य अब राजा भभूत सिंह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के नाम से पहचाना जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा यह नामकरण राजा भभूत सिंह के पर्यावरण प्रेम और पचमढ़ी को औपनिवेशिक ताकतों से बचाने के संघर्ष को समर्पित है।।