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अमेरिका से भारत लाया गया 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा कोर्ट में पेश, सुनवाई जारी, आज अमेरिका से भारत लाया गया, पहली तस्वीर भी सामने आई

ऑपरेशन टाईम्स नई दिल्ली।। 2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया। यहां उसकी सुनवाई जारी है। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह पहले ही अदालत पहुंचे चुके थे। तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से भारत लाया गया। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ। इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।भारत पहुंचने के बाद राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े नजर आ रहे हैं। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि राणा को कब और किस वार्ड में रखा जाएगा। इसका अंतिम फैसला कोर्ट के आदेश के बाद ही होगा। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। भारत पहुंचने के बाद तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। NIA के अधिकारी उसे पकड़े हुए हैं। तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड रिचर्ड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

पुलिस तहव्वुर राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट ले जाती हुई

तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में लाया गया

पी चिदंबरम बोले राणा को भारत लाने में कांग्रेस का भी योगदान—
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कहा कि इस मामले में पिछली सरकार भी क्रेडिट की हकदार है। उन्होंने कहा कि NDA सरकार अभी जो कुछ कर रही है उसका क्रेडिट ले सकती है। लेकिन उन्हें पिछली सरकार को भी श्रेय देना चाहिए जिसने बहुत कुछ किया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि को तहव्वुर राणा को भारत लाने की प्रोसेस 2009 में UPA शासन के दौरान शुरू हुई थी और इसलिए NDA सरकार को अकेले इसका सारा क्रेडिट नहीं लेना चाहिए।

अमेरिका बोला- मुंबई हमले को पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम—
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह अदालत पहुंचे—
दयान कृष्णन, नरेंद्र मान और पीयूष सचदेवा के बाद स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह तहव्वुर राणा के खिलाफ मामले की सुनवाई के लिए अदालत पहुंच गए हैं।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर एकनाथ शिंदे ने PM मोदी को शुक्रिया कहा—
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने X पर लिखा देश पर सबसे बड़े 26/11के आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया। इसके लिए मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। लगभग एक महीने पहले मोदी जी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच चर्चा हुई थी। उसके मुताबिक अमेरिका ने भारत देश के सबसे बड़े अपराधी को डिपोर्ट किया। इसके लिए भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर का भी अभिनंदन करता हूं। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमले के जिम्मेदार तहव्वुर राणा को कठोर सजा मिलेगी। इसमें कोई शंका नहीं है।
राणा से पूछताछ करने पर मुंबई हमले में ISI के रोल के बारे में पता चलेगा—
केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने तहव्वुर राणा को भारत लाने पर कहा कि यह एक बड़ा घटनाक्रम है। इससे आतंकियों को मैसेज गया है कि अगर वे भारत पर हमला करेंगे। तो चाहे वे दुनिया में कहीं भी हों उन्हें पकड़ा जाएगा। भारतीय अदालतों के सामने पेश किया जाएगा और उन्हें सजा दी जाएगी। उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। राणा से पूछताछ करने पर मुंबई हमले में पाकिस्तानी एजेंसी ISI की भूमिका और भारत में उसके स्लीपर सेल की मौजूदगी के बारे में पता चलेगा। यह उम्मीद करना की आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड पाकिस्तान में सजा पाएंगे। समय की बर्बादी है।

वकील पीयूष सचदेवा लड़ेंगे राणा का केस—
दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के वकील पीयूष सचदेवा आरोपी तहव्वुर राणा की तरफ से कोर्ट में पैरवी करेंगे।

पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट से सभी मीडियाकर्मियों को हटाया—
तहव्वुर राणा की पेशी जज चंद्रजीत सिंह की कोर्ट में होगी। दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से सभी मीडियाकर्मियों और आम लोगों को हटा दिया है। सीनियर वकील दयान कृष्णन और स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नरेंद्र मान अदालत पहुंच गए हैं।

NIA ने बोला- राणा को सफलतापूर्वक लाया गया—
NIA ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को सजा दिलाने के लिए कई सालों तक लगातार कोशिशें करने के बाद गुरुवार को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर लिया गया। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण समझौते के तहत शुरू की गई कार्यवाही के तहत राणा को अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाए, लेकिन आखिरकार उसका प्रत्यर्पण हो गया। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के यूएस स्काई मार्शल की सहायता से NIA ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों और NSG के साथ मिलकर काम किया। भारत के विदेश और गृह मंत्रालय ने भी इस पूरी प्रोसेस के दौरान अमेरिकी अधिकारियों के साथ समन्वय किया।

दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया—
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राणा के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है। एयरपोर्ट के बाहर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मौजूद है। केंद्र सरकार ने इस मामले में एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर नियुक्त किया है। उन्हें तीन साल या फिर केस का ट्रायल पूरा होने तक यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। राणा ने भारत आने से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे खारिज कर दिया गया था। उसने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।

मुंबई हमले में आतंकियों ने ताजमहल होटल को भी निशाना बनाया था—
26/11 को 175 लोग मारे गए थे 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए। जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए। राणा को भारत लाने को लेकर बुधवार को होम मिनिस्ट्री में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मीटिंग की।

पाकिस्तान ने राणा से दूरी बनाई—
पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बनाते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।

अमेरिकी सरकार बोली- राणा का रोल साबित हुआ—
अमेरिकी सरकार का कहना है हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।

अमेरिकी कोर्ट पहले खारिज कर चुका प्रत्यर्पण याचिका—
13 नवंबर 2024 को राणा ने निचली अदालत के प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसे 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था। इससे पहले उसने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में अपील की थी। जो खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है। डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था। जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। पिछले साल कोर्ट में सरकारी वकीलों ने तर्क दिया था कि राणा इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था। राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है? क्या बात कर रहा है? उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग करने का अपराध किया है।

राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक—
64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा—
अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ’हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया। अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे। जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

कौन है पाकिस्तानी बिजनेसमैन जिसे ट्रम्प भारत भेजेंगे—
अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यों उसे सबसे बुरा इंसान कहा और मोदी बोले- शुक्रिया। 13 फरवरी को अमेरिका में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात में एक पाकिस्तानी बिजनेसमैन के बारे में भी बात हुई। जब बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प से इस बिजनेसमैन के बारे में सवाल पूछा गया, तो ट्रम्प ने उसे दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक बताया। ट्रम्प ने कहा कि उसे भारत को सौंपने में मुझे खुशी हो रही है। अब वह भारत जाकर न्याय का सामना करेगा। जवाब में पीएम मोदी ने ट्रम्प को शुक्रिया कहा।।

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