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पीएम ने तिरंगा लहराकर चिनाब आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया

कहा- PAK ने इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला किया, हमने उस पर कयामत बरसा दी

ऑपरेशन टाईम्स नई दिल्ली।। पीएम मोदी ने शुक्रवार को पहलगाम हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने यहां के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का तिरंगा दिखाकर उद्घाटन किया। इसके बाद अंजी ब्रिज और कटरा में कश्मीर की पहली ट्रेन कटरा-श्रीनगर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई।मोदी ने कटरा में 42 मिनट का भाषण दिया। इसमें आतंकवाद, पाकिस्तान और कश्मीर के टूरिज्म का जिक्र किया। पीएम ने कहा दुर्भाग्य से हमारे पड़ोस का देश मानवता का विरोधी मेलजोल का विरोधी है। वह ऐसा देश है जो गरीब की रोजी-रोटी का भी विरोधी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ। वह इसी का उदाहरण है। पाकिस्तान ने इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला किया। हमने 6 मई चिनाब आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बना है। इसे 2003 में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए। यह सवा किमी से ज्यादा लंबा है और नदी से ऊंचाई 359 मीटर है। यह पेरिस के एफिल टावर (330 मीटर) से 29 मीटर ऊंचा है। लागत 1486 करोड़ रुपए है।

देश के पहले केबल स्टे अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन—
पीएम ने मोदी ने अंजी खड्ड पर बना भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है। जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है। यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले के कटरा को बनिहाल से जोड़ता है। चिनाब ब्रिज से इसकी दूरी महज 7 किमी है। इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है।

कश्मीर को जोड़ने वाली पहली ट्रेन भी शुरू—
पीएम मोदी सबसे आखिर में कटरा पहुंचे। यहां के रेलवे स्टेशन पर उन्होंने कश्मीर को जोड़ने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंदी दिखाई। नॉर्दर्न रेलवे 7 जून से कटरा-श्रीनगर रूट पर वंदे भारत ट्रेन सर्विस शुरू कर देगी। IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग की जा सकेगी। हफ्ते में 6 दिन दो ट्रेनें कटरा और श्रीनगर के बीच चलेंगी। नॉर्दर्न रेलवे ने बताया कि ट्रेन में दो ट्रैवल क्लास हैं। चेयरकार का किराया 715 रुपए और एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपए है। अभी ट्रेनें सिर्फ बनिहाल में रुकेंगी। अन्य स्टॉपेज पर फैसला बाद में होगा।

10 घंटे का सफर करीब 3 घंटे में पूरा होगा— आजादी के 77 साल बाद भी कश्मीर बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाता है। नेशनल हाईवे-44 बंद होने से घाटी जाने का बंद हो जाता है। इसके अलावा भी सड़क के रास्ते जम्मू से कश्मीर जाने में 8 से 10 घंटे का समय लग जाता था। ट्रेन शुरू होने से यह सफर करीब तीन घंटे में पूरा हो जाएगा।
मोदी ने कहा कश्मीर के लोगों ने सपने देखना ही छोड़ दिया था—
पीएम ने कहा जम्मू-कश्मीर में जनता अपनी पसंद के नुमाइंदे चुन सके, यह भी आतंकवाद के चलते चुनौती बन गया था। बरसों तक आतंक सहने के बाद जम्मू-कश्मीर ने इतनी बर्बादी देखी थी कि लोगों ने सपने देखना ही छोड़ दिया था। आतंकवाद को ही भाग्य मान लिया था। हमने इसे बदलकर दिखाया है। आज यहां का नौजवान नए सपने भी देख रहा है। लोग जम्मू-कश्मीर को फिर से फिल्मों, खेलों का हब बनते देखना चाहते हैं। हमने इसे माता खीर भवानी के मेले में भी देखा। उन्होंने कहा कि 3 तारीख से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। ईद का भी माहौल है। ये सब आतंकी हमले से डिगने वाला नहीं है। नरेंद्र मोदी का वादा है कि विकास रुकने नहीं दूंगा। कोई बाधा आएगी तो उसे मोदी का सामना करना पड़ेगा। आज 6 जून है। एक महीने पहले 6 मई की रात पाकिस्तान पर कयामत बरसी थी। पाकिस्तान कभी ऑपरेशन सिंदूर सोचेगा तो अपनी शिकस्त याद आएगी। पाकिस्तान ने कभी नहीं सोचा था कि भारत उनके यहां अंदर जाकर आतंक के ठिकानों पर हमला करेगा। आतंक की इमारतें खंडहर बन गई हैं। पाकिस्तान बौखला गया है। उसने ये गुस्सा जम्मू, पुंछ समेत कई इलाकों में घर, मंदिर, गुरुद्वारों पर शेलिंग की। आपने जैसे मुकाबला किया। वो हर देशवासी ने देखा। आपके साथ देशवासी पूरी शक्ति से खड़े हैं।

पीएम ने कहा- हमारा पड़ोसी मानवता का, मेलजोल का विरोधी—
पीएम ने कहा दुर्भाग्य से हमारे पड़ोस का देश, मानवता का विरोधी, मेलजोल का विरोधी है। वह ऐसा देश है जो गरीब की रोजी-रोटी का भी विरोधी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, वह इसी का उदाहरण है। पाकिस्तान ने इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला किया। उसका इरादा कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई को रोकना था, इसलिए टूरिस्ट पर हमला किया। वो टूरिज्म जो लगातार बढ़ रहा था, यहां रिकॉर्ड संख्या में टूरिस्ट आ रहे थे, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों के घर चलते हैं, पाकिस्तान ने उन्हें निशाना बनाया। पाकिस्तान की साजिश इन सबको तबाह करने की थी। आतंकियों को चुनौती देने वाला आदिल भी मेहनत कर रहा था, आतंकियों ने उसे भी मार दिया। पाकिस्तान की साजिश की खिलाफ जिस प्रकार जम्मू-कश्मीर के लोग उठ खड़े हुए हैं, जम्मू-कश्मीर के अवाम ने जो ताकत दिखाई है, दुनिया को जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कड़ा संदेश दिया है। यहां के लोग आतंकवाद को कड़ा जवाब देने का मन बना चुके हैं।

पीएम ने कहा- एनडीए के 11 साल गरीब कल्याण के नाम समर्पित रहे—
पीएम ने कहा, केंद्र में भाजपा-एनडीए की सरकार को अब 11 साल हो रहे हैं। ये 11 साल गरीब कल्याण के नाम समर्पित रहे हैं। 4 करोड़ गरीबों के घर का सपना सच हुआ। उज्ज्वला योजना से धुएं का अंत हुआ, बहन-बेटियों की सेहत की रक्षा हुई। आयुष्मान योजना से 5 लाख तक इलाज मुफ्त मिला है। जन-धन योजना से पहली बार 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों का खाता खुला। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालयों ने खुले में शौच से मुक्ति दिलाई। जल जीवन मिशन से 12 करोड़ घरों में पानी पहुंचने लगा है।

पीएम ने कहा- जम्मू-कश्मीर में IIT, IIM, AIIMS जैसे संस्थान हैं—
पीएम ने बताया, जम्मू-कश्मीर में IIT, IIM, AIIMS जैसे संस्थान हैं। रिसर्च इको सिस्टम का विस्तार हो रहा है। यहां दवाई के लिए भी अभूतपूर्व काम हो रहा है। कैंसर के 2 अस्पताल बने हैं। 7 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। मेडिकल सीटों की संख्या 500 से बढ़कर 1300 पहुंच गई है। रियासी को भी अब नया मेडिकल कॉलेज मिलने जा रहा है। ये आधुनिक अस्पताल तो है ही, साथ ही दान-पुण्य की संस्कृति का भी उदाहरण है। इसे बनाने में भारत के कोने-कोने से मां के चरणों में आने वाले लोगों ने दान दिया है।

पीएम ने कहा- चिनाब ब्रिज हो या अंजी ब्रिज से राज्य का विकास होगा—
पीएम मोदी ने कहा, चिनाब ब्रिज हो या अंजी ब्रिज, ये जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों की समृद्धि का जरिया बनेंगे। इससे टूरिज्म के साथ रेल कनेक्टिविटी और बिजनेस भी बढ़ेगा। इससे इंडस्ट्री को गति मिलेगी। कश्मीर के सेब देश के बड़े बाजारों तक समय पर पहुंच पाएंगे। सूखे मेवे, पश्मीना शॉल, हस्तशिल्प के देश के किसी भी हिस्से तक पहुंच पाएगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लोगों का देश के किसी भी हिस्से में आना-जाना आसान होगा। मैंने पढ़ा कि एक स्टूडेंट ने कहा कि उसके गांव के ज्यादातर लोगों ने ट्रेन का वीडियो देखा था। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि ट्रेन उनके सामने से गुजरेगी। लोग ट्रेन के आने-जाने का समय याद कर रहे हैं। एक बिटिया ने लिखा कि अब मौसम से रास्ते बंद नहीं हुआ करेंगे।

मोदी ने कहा, सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना—
पीएम ने कहा हमने कश्मीर को रेलवे से जोड़ने का काम पूरा करके दिखाया। कोविड में मुसीबतें आईं, लेकिन हम डटे रहे। मौसम की परेशानी, पहाड़ों से गिरते पत्थऱ…ये सब चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना है। कुछ महीने पहले सोनमर्ग टनल शुरू हुई है। कुछ देर पहले चिनाब और अंजी ब्रिज होकर आया हूं। इन पुलों पर चलते हुए मैंने भारत के बुलंद इरादों, हमारे इंजीनियर-श्रमिक के हुनर को जिया है। चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। लोग फ्रांस में एफिल टॉवर देखने जाते हैं, ये ब्रिज एफिल टॉवर से भी बहुत ऊंचा है। अब लोग चिनाब ब्रिज के जरिए कश्मीर देखने आएंगे। ये ब्रिज में अपने आप में टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा। लोग सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेंगे। अंजी ब्रिज इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। यह भारत का रेलवे का पहला केबल स्टे ब्रिज है। दोनों पुल भारत की जीवंत शक्ति का प्रतीक है। यह उज्ज्वल भारत की सिंहगर्जना है।

पीएम ने कहा- जम्मू-कश्मीर को दो नई ट्रेनें मिलीं—
पीएम ने कहा, ‘मुझे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज के लोकार्पण का मौका मिला। दो नई ट्रेनें जम्मू-कश्मीर को मिलीं। नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हुआ। 4600 करोड़ के प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर को नई गति देंगे। इस विकास के लिए मैं आपको बधाई देता हूं। यहां कई पीढ़ियां रेल कनेक्टिविटी का सपना देखते हुईं गुजर गईं। उमर बोले थे कि जब वे सातवीं-आठवीं में पढ़ते थे। तब से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। आज लाखों लोगों का सपना पूरा हुआ। जितने अच्छे काम थे। वे मेरे लिए ही बाकी थे।

पीएम ने कहा- वादी-ए -कश्मीर रेल नेटवर्क से जुड़ गई—
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत मां वैष्णों देवी के प्रणाम करके की। उन्होंने कहा, ‘ये वीर जोरावर सिंह की भूमि है। मैं धरती को प्रणाम करता हूं। आज का ये कार्यक्रम भारत की एकता और इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है। माता वैष्णों देवी की आशीर्वाद से वादी-ए -कश्मीर रेल नेटवर्क से जुड़ गई हैं। उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला ये रेललाइन प्रोजेक्ट सिर्फ नाम नहीं है, ये जम्मू-कश्मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है। भारत के नए सामर्थ्य का जयघोष है।

सीएम उमर बोले- सिन्हा साहब का प्रमोशन और मेरा डिमोशन हुआ—
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जनसभा में कहा- बीच-बीच में जब कभी रेल के बड़े प्रोग्राम हुए मुझे पीएम मोदी के साथ जुड़ने का मौका मिला। मेरी पहली सरकार का आखिरी प्रोग्राम ठीक इसी जगह आपके साथ 2014 में हुआ। उस प्रोग्राम में जो चार लोग शामिल थे। वही चार आज भी स्टेज पर बैठ हैं। आप उस समय पहली बार पीएम बने थे और यहां आए थे। उमर ने कहा उस समय हमारे गवर्नर साहब रेल राज्य मंत्री हुआ करते थे। माता की कृपा से उनका प्रमोशन हुआ और मेरा डिमोशन हुआ। मैं राज्य का मुख्यमंत्री था। अब केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। लेकिन मैं मानता हूं कि इसे दुरुस्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। आप (PM मोदी) ही के हाथों से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र बोले- चाहता था मोदी दोबारा PM बनें—
जनसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा ठीक 11 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी कटरा रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के लिए यहां आए थे। उस समय मैंने कहा था कि कटरा में कोई तभी आता है जब माता बुलाती है…पीएम मोदी का यहां आना किसी न किसी कारण से टलता रहा। फिर चुनाव की घोषणा हुई। सरकार बदली और माता की इच्छा पूरी हुई कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनें और कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करें। शायद विधाता चाहते थे कि पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें ताकि वो कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का ऐतिहासिक काम कर सकें।

पीएम वंदे भारत में सवार हुए, स्कूली बच्चों से बातचीत की—
पीएम मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा-श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया। मोदी ने इससे पहले ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों से बातचीत की। ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारियों से भी मिले।

पीएम ने अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया, भारत का पहला केबल स्टे रेल पुल—
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी पुल का उद्घाटन किया। यह चिनाब ब्रिज से करीब 7 किमी पहले है। अंजी खड्ड पर बना पुल भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज है। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है। यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले को कटरा से जोड़ता है। इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है।

पीएम ने चिनाब आर्च ब्रिज का इनॉगरेशन किया—
पीएम मोदी ने शुक्रवार को चिनाब पुल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित रहे। ये विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है।

पीएम ने चिनाब आर्च ब्रिज प्रोजेक्ट पर काम करने वाले लोगों से भी बातचीत की—
पीएम मोदी ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना पर प्रदर्शनी को देखा। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे। पीएम ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले लोगों से भी बातचीत की। ड्राइवर केबिन को अपडेट किया गया है। विंडशील्ड और एयर ब्रेक माइनस टेंपरेचर में भी काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। ट्रेन को विशेष रूप से एंटी फ्रीजिंग सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। वाटर टैंक और बायो-टॉयलेट को जमने से रोकने के लिए हीटिंग सिस्टम लगाया गया है।

पीएम चिनाब आर्च ब्रिज पहुंचे—
पीएम मोदी शुक्रवार सुबह 11 बजे चिनाब आर्च ब्रिज पहुंचे। उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से ब्रिज के बारे में जानकारी। चिनाब आर्च ब्रिज पर आधा घंटे तक समय बिताया।

कांग्रेस बोली- पीएम आर्च ब्रिज चेनाब पुल का क्रेडिट ना लें—
पहले की सरकारों ने भी काम किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर में भारत के पहले केबल-स्टेड रेल ब्रिज अंजी पुल और दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चेनाब पुल का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा हकीकत यह है कि शासन में हमेशा निरंतरता होती है… खासतौर पर जहां पर संरचनात्मक परियोजनाओं का सवाल है। जिसमें भू-वैज्ञानिक, भौगोलिक, सुरक्षा और राजनीतिक तौर पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है वहां पर शासन में निरंतरता का विशेष महत्व है। यह जो ‘उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला परियोजना’ है। मार्च 1995 में नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहते इसे मंजूरी दी गई थी। मार्च 2002 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। तब इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया था। बारामूला से लेकर श्रीनगर, श्रीनगर से लेकर अनंतनाग, अनंतनागसे काजीगुंड और काजीगुंड से लेकर बनिहाल तक इस योजना का उद्घाटन 2014 से पहले ही कर लिया गया था। 272 किमी में से 160 किलोमीटर ट्रैक का उद्घाटन 2014 से पहले हो गया था। चिनाब पुल एक प्रतिष्ठित पुल है। हम भारतीय रेल को बधाई देना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए य ब्रिज बहुत महत्व रखता है और भारतीय रेल के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहती है कि उन्हें शासन में निरंतरता को स्वीकारना चाहिए। इससे पहले की सरकारों ने भी काम किए गए हैं। प्रधानमंत्री उनका श्रेय लेने में बहुत आगे हैं। इसमें उनका कोई मुकाबला नहीं है।

कटरा-बनिहाल सेक्शन 111 किमी लंबा, इसमें 97.42 किमी पुल और सुरंग—
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (इन्फॉर्मेशन और पब्लिसिटी) दिलीप कुमार ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक प्रोजेक्ट में 36 सुरंगें, 943 पुल बनाए गए हैं। इसका कटरा-बनिहाल सेक्शन पुलों और सुरंगों के लिए जाना जाएगा क्योंकि इस 111 किमी लंबे सेक्शन में 97.42 किमी ट्रैक पुल या सुरंग से होकर गुजरेगा। वहीं चिनाब ब्रिज एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। इस पुल पर 29,800 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। यह सीस्मिक जोन 5 में है लेकिन इसे इस तरह से बनाया गया है कि रेक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है। 225 kmph गति से चलने वाली हवा को भी सह सकता है।

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हाई सिक्योरिटी—
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वाहनों को रोककर उनकी चेकिंग की जा रही है।

श्रीनगर से कटरा जाने के लिए ट्रेन सजाई गई—
श्रीनगर से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को नौगाम रेलवे स्टेशन पर सजाया गया है।

सांगलदन रेलवे स्टेशन पर डॉग स्क्वॉड तैनात—
सुरक्षा के मद्देनजर सांगलदन रेलवे स्टेशन पर डॉग स्क्वॉड तैनात किया गया है। ट्रैक समेत पूरे रेलवे स्टेशन की बारीकी से जांच की जा रही है।

रेल मंत्री वैष्णव कटरा रेलवे स्टेशन पहुंचे—
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कटरा रेलवे स्टेशन पहुंच चुके हैं। उन्होंने X अकाउंट पर कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन के साथ अपनी फोटो शेयर की।

रेल मंत्री बोले- सपने नहीं, हकीकत बुनते हैं—
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने X अकाउंट पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च चिनाब ब्रिज का वीडियो शेयर किया। वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा सपने नहीं हकीकत बुनते हैं।

रेल मंत्री वैष्णव ने अंजी ब्रिज का नया वीडियो शेयर किया—
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अंजी ब्रिज का नया वीडियो शेयर किया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो प्रशस्त पुण्य पंथ है। बढ़े चलो-बढ़े चलो।

₹46 हजार करोड़ के अन्य प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास-उद्घाटन भी करेंगे—
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले रामबन के संगलदान रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रधानमंत्री पहले चिनाब ब्रिज और फिर अंजी ब्रिज दौरा और उद्घाटन करेंगे। वे दोपहर करीब 12 बजे वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद PM कटरा में 46 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के अन्य प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।

बच्चे बोले- खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकते—
कटरा रेलवे स्टेशन पहुंचे बच्चों में से एक ने कहा- हम सब बहुत एक्साइटेड हैं। हम अपने टीचर्स के साथ आए हैं। आज हम अपने प्रधानमंत्री से मिल पाएंगे। अगर मुझे मौका मिला तो मैं इस ट्रेन से श्रीनगर जाना चाहूंगी।

तिरंगे पट्टी से सजा कटरा रेलवे स्टेशन—
कटरा रेलवे स्टेशन को तिरंगा पट्टी और फूलों से सजाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से श्रीनगर तक पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।

वंदे भारत एक्सप्रेस कटरा में उद्घाटन के लिए तैयार—
कटरा रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को फूलों से सजाया गया है। कई स्कूलों के बच्चे हाथ में तिरंगा झंडा लेकर स्टेशन पहुंचे हैं।

चिनाब ब्रिज पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम—
कटरा रेलवे स्टेशन पर स्कूलों के बच्चे पहुंचे
कटरा रेलवे स्टेशन पर कई स्कूलों के बच्चे आए हैं। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कटरा से श्रीनगर तक उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) पर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के लिए आने वाले हैं। करीब 43,780 करोड़ रुपए की लागत से बना 272 किमी लंबे USBRL प्रोजेक्ट में 36 सुरंगें (119 किमी तक फैली) और 943 पुल हैं। यह प्रोजेक्ट कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में रेलवे कनेक्टिविटी देगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।

कटरा-श्रीनगर रूट पर चलेंगी 2 ट्रेनें—
रूट पर दो ट्रेन चलेंगी। पहली ट्रेन कटरा से सुबह 8:10 बजे चलेगी और सुबह 11:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी। यही ट्रेन दोपहर 2 बजे श्रीनगर से वापस आएगी और शाम 5:05 बजे कटरा पहुंचेगी। ये ट्रेनें (26401/26402) मंगलवार को नहीं चलेंगी। वहीं दूसरी ट्रेन दोपहर 2:55 बजे कटरा से चलेगी और शाम 6:00 बजे श्रीनगर पहुंचेगी। यही ट्रेन अगले दिन सुबह 8 बजे श्रीनगर से वापस आएगी और सुबह 11:05 पर कटरा पहुंच जाएगी। ये ट्रेनें (26403/26404) बुधवार को नहीं चलेंगी।आजादी के 77 साल पूरे होने के बाद भी कश्मीर घाटी बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाती है। बर्फबारी होने पर नेशनल हाईवे-44 बंद होने से कश्मीर घाटी जाने का भी बंद हो जाता है। इसके अलावा भी सड़क के रास्ते जम्मू से कश्मीर जाने में 8 से 10 घंटे का समय लग जाता था। ट्रेन शुरू होने से यह सफर करीब तीन घंटे में पूरा हो जाएगा।

अगस्त-सितंबर तक नई दिल्ली-श्रीनगर ट्रेन शुरू करने का प्लान—
कटरा-श्रीनगर ट्रेन कश्मीर को पूरे साल रेलवे के जरिए जोड़े रखने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण है। अगले चरणों में नई दिल्ली से जम्मू होते हुए श्रीनगर तक वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनें चलाने की योजना है। श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस के इस साल अगस्त या सितंबर से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि एक ही ट्रेन नई दिल्ली से सीधे श्रीनगर नहीं जाएगी। यात्रियों को नई दिल्ली से कटरा पहुंचने पर ट्रेन बदलनी पड़ेगी। यहां उनकी सुरक्षा जांच होगी। इस प्रक्रिया में 2-3 घंटे लग सकते हैं। इसके बाद यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर एक पर वापस आना होगा। यहां से दूसरी ट्रेन श्रीनगर के लिए रवाना होगी। श्रीनगर से नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगे 22 साल—
कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्से से पूरे साल रेलवे के जरिए जोड़े रखने के लिए 1997 में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। इसे पूरा होने में 28 साल से ज्यादा लग गए। चिनाब ब्रिज 43 हजार 780 करोड़ रुपए की लागत से बने इसी USBRL प्रोजेक्ट का हिस्सा है। उधमपुर से बारामूला 272 किमी लंबी इस रेललाइन में 36 सुरंगें हैं। कुल लंबाई 119 किमी है। इसमें 12.77 किमी लंबी T-50 टनल देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल है। इस ट्रैक पर 943 पुल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किमी है। रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच ब्रिज बनाने के लिए 2003 में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था, लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए। कंस्ट्रक्शन और सेफ्टी से जुड़ी चुनौतियों की वजह से प्रोजेक्ट और डिजाइन का रिव्यू करके अप्रूवल लेने में ही 2009 बीत गया। फिर 2010 में इस पर काम शुरू हो सका। अगस्त 2022 में ब्रिज का काम पूरा हुआ और फरवरी 2023 में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ। 20 जून 2024 को संगलदान से रियासी स्टेशन के बीच पहली बार ट्रेन का ट्रायल रन किया गया।

भारत का पहला रेलवे केबल पुल भी USBRL प्रोजेक्ट का हिस्सा—
पहाड़ी ढलानों को स्टेबल रखने के लिए अंजी पुल में अलग-अलग लंबाई (82 से 295 मीटर) की 96 केबल्स का इस्तेमाल किया गया है। भारतीय रेलवे ने इस प्रोजेक्ट के जरिए एक और उपलब्धि हासिल की है। अंजी खड्ड पर बना पुल भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज है। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है। यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले को कटरा से जोड़ता है। चिनाब ब्रिज से इसकी दूरी महज 7 किमी है। इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है।

टूरिज्म और एक्सपोर्ट को फायदा, सेना तक तेजी से हथियार पहुंचेंगे—
ट्रेन शुरू होने से अब देश के अलग-अलग हिस्सों से टूरिस्ट आसानी और कम खर्च में कश्मीर जा सकेंगे। साथ ही अभी कश्मीर से सेब और चेरी जैसे फल दिल्ली भेजने में दो-तीन दिन लगते हैं।बर्फबारी या पहाड़ धंसने जैसी स्थिति में रास्ते बंद होने पर समय और बढ़ जाता है। अब यह समस्या हल हो जाएगी। चेरी जैसे फल जो जल्दी खराब हो जाते हैं। उन्हें देशभर में अच्छा दाम मिल सकेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट सेना के लिए भी बहुत अहम है। डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक एक्सपर्ट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी बताते हैं। हमारी सामरिक और सैन्य क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा। आर्म्स, एम्यूनिशन, राशन बॉर्डर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। रेल कनेक्टिवटी से कश्मीर में सेना का मूवमेंट भी तेजी से हो सकेगा।

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