मेड सुसाइड केस- पूर्व विधायक की पत्नी पर केस, चित्रकूट में इन्हीं की पिस्टल से खुद को गोली मारी थी, प्रताड़ित करने वाला प्रेमी भी गिरफ्तार


अर्चना पर लापरवाही से पिस्टल रखने का आरोप—
आत्महत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी के परिवार की लाइसेंसी थी। जो घर में लापरवाही से खुली जगह में पड़ी थी। इस मामले में पुलिस ने उनकी पत्नी अर्चना चतुर्वेदी पर आर्म्स एक्ट की धारा-30 के तहत केस दर्ज किया है।
गोशाला में काम करता था अरविंद, वहीं से अफेयर—
सुमन और अरविंद के बीच अफेयर था। अरविंद गोशाला में काम करता था और सुमन का परिवार पास ही रेहड़ी पर सब्जी बेचता था। सुमन भी अक्सर वहां बैठती थी। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। जब सुमन की मां को इसका पता चला तो जल्दबाजी में उसकी शादी तय कर दी। सुमन का रिश्ता कटनी के रहने वाले एक ऐसे लड़के से तय हुआ जो अरविंद से आर्थिक और सामाजिक तौर पर बेहतर हालत में था। इसलिए सुमन ने अरविंद से रिश्ता तोड़ लिया।
अरविंद ने बात करने के लिए दिया दूसरा मोबाइल—
सुमन ने जब अरविंद से दूरी बना ली, तो उसने उसे एक मोबाइल देते हुए कहा कि शादी तक तो बात कर सकते हैं। कुछ दिन बाद मां ने यह मोबाइल पकड़ लिया। अरविंद ने फिस दूसरा मोबाइल सुमन को दिया। सुमन झिझक रही थी, लेकिन अरविंद के दबाव में उसने मोबाइल ले लिया। बातचीत फिर से शुरू हो गई। 28 जुलाई को मां ने दूसरा मोबाइल भी पकड़ लिया।
प्रेमी, मां और शादी के दबाव में बेहद तनाव में थी—
पुलिस की जांच में सामने आया है कि सुमन काफी मानसिक तनाव में थी। मां की सख्ती, प्रेम संबंधों में उलझन और शादी का दबाव। इन सभी वजहों से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। थाना प्रभारी डीआर शर्मा ने बताया कॉल डिटेल खंगालने के बाद प्रेमी अरविंद की भूमिका सामने आई और उसे गिरफ्तार किया गया। फिलहाल उसे जेल भेज दिया गया है और आर्म्स एक्ट में दर्ज मामले की अलग से जांच की जा रही है।
अब जानिए 29 जुलाई को हुए घटनाक्रम के बारे में—
चित्रकूट में कांग्रेस के पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी की गढ़ी (किले) के बाथरूम में मंगलवार (29 जुलाई) को सुमन निषाद ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। सुमन ने नीलांशु की पत्नी अर्चना चौबे की लाइसेंसी रिवॉल्वर से दायीं कनपटी पर गोली मारी। पुलिस ने रिवॉल्वर को जब्त कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सुमन का परिवार मूल रूप से यूपी के कर्वी के कटरागूदर का रहने वाला है। वह यहां मां के साथ गढ़ी के सर्वेंट क्वाॅर्टर में रह रही थी। वो मां के साथ झाड़ू-पोछा, बर्तन धोने और बच्चों की देखभाल किया करती थी। सुमन के पिता की मौत कुछ साल पहले करंट लगने से हुई थी।
मां बोली बाथरूम में खून से सनी पड़ी थी बेटी—
मां सुधिया निषाद ने बताया कि हम मूल रूप से उत्तरप्रदेश के कटरा गांव के रहने वाले हैं। करीब तीन पीढ़ी से हम चित्रकूट में आकर रह रहे हैं। बस्ती में भी हमारा दो कमरे का छोटा सा घर है। विधायक के यहां भी हमें रहने के लिए कमरा मिला हुआ है। मेरे सात बच्चे हैं। इनमें 6 लड़की एक लड़का है। चार की शादी हो गई थी। सुमन 5वें नंबर की थी। इसका कटनी में रिश्ता तय हो गया था। शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी। इसी साल जनवरी महीने में तिलक चढ़ा था। अगस्त में सगाई होने वाली थी। दो माह बाद शादी होनी थी।
सुमन मेरे पास आई और बोली मां मैं आती हूं— मंगलवार को रोज की तरह हम सुबह काम पर लगे हुए थे। काम निपटाने के बाद दोपहर में मैंने और सुमन ने साथ में ही खाना खाया था। विधायक जी और मैडम कमरे में कुछ बात कर रहे थे। मैं भी वहीं जाकर बैठक गई थी। थोड़ी देर बाद सुमन मेरे पास आई और बोली कि मां मैं आती हूं। इसके बाद वह वहां से चली गई। कुछ देर तक वह सीढ़ी से ऊपर-नीचे होती दिखी। किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। थोड़ी देर बाद गढ़ी में ही काम करने वाले भैया दौड़कर आए और बताया कि सुमन ने गोली मार ली है।
मां बोली- बेटी ने कहा था शहर में शादी करूंगी—
मां ने बताया कि सुमन ने मुझसे कहा था कि मैं शहर में शादी करूंगी। मेरी शादी गांव में मत कर देना इसलिए पहले लड़का उसको दिखाया और उसकी ही पसंद से कटनी में शादी करने जा रहे थे। उसे मोबाइल नहीं दिया था। भाई के मोबाइल से ही दिन में एक या दो बार मंगेतर से बात कर लेती थी। वो भी हम सभी घर वालों के सामने। मां का कहना है कि पहले वह घर में ही रहती थी। कुछ समय से मेरी तबीयत ठीक नहीं रह रही है। इसलिए बच्चे की देखरेख के लिए साहब ने उसे रख लिया था। वह पांच-छह महीने से यहां पर रह रही थी। कई बार रात में घर भी चली जाया करती थी। दिन में यहीं रहकर काम में हाथ बंटाती थी।।